ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में शुक्रवार रात बीडीएस सेकेंड ईयर की एक 21 वर्षीय छात्रा ज्योति द्वारा खुदकुशी करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ज्योति के परिजनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने इस मामले में छात्रा को प्रताड़ित करने के आरोप में डीन समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके दो प्रोफेसर को गिरफ्तार लिया है। शारदा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दोनों आरोपी प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया है और इस मामले की उच्चस्तरीय आंतरिक जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। छात्रा के पिता का आरोप है कि यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने पुलिस और परिवार को सूचित किए बिना शव को फंदे से उतारा और घसीटकर अस्पताल ले गए।
गुरुग्राम निवासी ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा ने शारदा यूनिवर्सिटी के डीन डॉक्टर एम. सिद्धार्थ और प्रोफेसर सैरी मैडम, महेंद्र, अनुराग अवस्थी एवं सुरभि, आशीष चौधरी के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। रमेश का आरोप है कि इन लोगों के उत्पीड़न, दुर्व्यवहार एवं धमकाए जाने के कारण उनकी बेटी ने आत्महत्या की।
परिवार और पुलिस को भी नहीं दी सूचना
एफआईआर के मुताबिक, रमेश जांगड़ा ने बताया कि दिनांक 18/07/2025 को मेरी बेटी ज्योति ने हॉस्टल के कमरा नंबर 1209 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शारदा यूनिवर्सिटी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बिना पुलिस व परिजनों को सूचित किए बिना शव को फांसी के फंदे से उतारा और घसीटकर शारदा अस्पताल पहुंचाया।
पिता ने आरोप लगाया है कि डीन डॉक्टर एम. सिद्धार्थ, सैरी मैडम, महेंद्र, अनुराग अवस्थी एवं सुरभि, आशीष चौधरी और अन्य द्वारा मेरी बेटी को आत्महत्या करने के लिए उकसाया गया और इनके द्वारा निजी तौर पर टॉर्चर किया गया और सुसाइड करने के संबंध में सबूतों को भी छुपाया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 16 जुलाई को सुरभि मैडम ने क्लास में ज्योति को प्रताड़ित किया और बोला और आप बहुत ज्यादा शिकायत करने लगी हो इसकी सजा आपको मिलेगी। 17 जुलाई को महेन्द्र व सैरी मैडम व उसके अलावा आशीष चौधरी ने फिर से उसके साथ दुर्व्यवहार किया और धमकाया कि आपका काम अप्रूव नहीं करेंगे और आपको एग्जाम नहीं देने देंगे, जिसके संबंध में मेरी बेटी का सुसाइड नोट मिला है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात उन्होंने अपनी बेटी को फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उनकी बेटी के साथ कमरे में रहने वाली एक अन्य छात्रा ने कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। रमेश ने दावा किया कि उन्होंने रात में ग्रेटर नोएडा पुलिस को घटना की सूचना दी लेकिन कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को भी सूचित नहीं किया था। उन्होंने कहा कि छात्रा ने मरने से पूर्व एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उसने कॉलेज प्रशासन के लोगों को आरोपी ठहराया है।
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