गुरुवार, 10 जुलाई 2025

गुड न्यूज! दिल्ली का तीसरी रिंग रोड का बढ़ेगा दायरा, नोएडा-गाजियाबाद तक जाना होगा आसान


दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI एक खास योजना लेकर आई है। दिल्ली की तीसरी रिंग रोड, जिसे अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II) के नाम से जाना जाता है, का पूर्वी विस्तार होने जा रहा है। यह नया हाईवे दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ते हुए ट्रैफिक को सुगम बनाएगा और शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों को राहत देगा।


दिल्ली से नोएडा तक का सफर होगा आसान


NHAI की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, छह लेन का नया हाईवे उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से शुरू होगा, जो UER-II का मौजूदा उत्तरी छोर है। यह हाईवे गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी से होते हुए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इसके बाद, यह घिटोरा और फरुखनगर जैसे कस्बों से गुजरते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और अंत में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तक पहुंचेगा।


रिंग रोड और बाकी सड़कों पर कम होगा दबाव


दिल्ली की रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, कालिंदी कुंज और सराय काले खां जैसी मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए यह विस्तार एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह नया हाईवे दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली से उत्तरी दिल्ली तक सीधा रास्ता देगा, बिना शहर के केंद्र में प्रवेश किए। साथ ही, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड से आने-जाने वाले वाहनों के लिए यह एक वैकल्पिक बाइपास होगा।


कितना बड़ा है प्रोजेक्ट?


इस मेगा प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा यह नया रास्ता न सिर्फ दिल्ली के स्थानीय ट्रैफिक को राहत देगा, बल्कि लंबी दूरी के वाहनों को भी शहर के भीड़भाड़ वाले केंद्र से बचने का मौका देगा। यानी, अब नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के बीच सफर तेज और सुविधाजनक होगा।


  • पहला चरण: 17 किलोमीटर लंबा हिस्सा, जो UER-II को ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसकी अनुमानित लागत ₹3,350 करोड़ है।
  • दूसरा चरण: 65 किलोमीटर लंबा हिस्सा, जो मंडौला से गाजियाबाद, घिटोरा, फरुखनगर, हिंडन और इंदिरापुरम होते हुए नोएडा तक जाएगा। इसकी लागत करीब ₹7,500 करोड़ होगी।

कुल मिलाकर, यह 82 किलोमीटर लंबा हाईवे ₹10,850 करोड़ की लागत से तैयार होगा। NHAI ने दोनों चरणों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और जल्द ही इसके लिए निविदाएं दी जाएंगी।


अगस्त तक पूरी तरह तैयार


मूल UER-II प्रोजेक्ट, जो 75 किलोमीटर लंबा है, अगस्त तक पूरी तरह चालू हो जाएगा। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिल्ली तक का सफर 60% तक तेज कर देगा। नजफगढ़, मुंडका और अलीपुर जैसे इलाकों में इसका कुछ हिस्सा पहले ही शुरू हो चुका है। यह रिंग रोड दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-देहरादून, द्वारका और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख हाईवे को जोड़ेगी। यानी, दिल्ली अब हाई-स्पीड कॉरिडोर का एक मजबूत नेटवर्क बन जाएगी।


दिल्ली को जाम से मिलेगा निजात


NHAI के इस प्रोजेक्ट का मकसद न सिर्फ दिल्ली के ट्रैफिक को सुगम करना है, बल्कि मालवाहक वाहनों की आवाजाही को भी आसान बनाना है। यह नया हाईवे लोनी, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से जोड़ेगा, जिससे कालिंदी कुंज, सराय काले खां और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे जैसी सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा।


4 जून को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता दी गई थी। एक अधिकारी ने कहा, 'यह योजना भीड़भाड़ वाले शहरी केंद्रों के आसपास हाईवे-ग्रेड बाइपास बनाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है।




 
 

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