कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित 'उदयपुर फाइल्स' पर रोक की मांग, दिल्ली HC ने दिया यह आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने दर्जी कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज से संबंधित कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियों पर गुरुवार को संबंधित पक्षों से स्पष्टीकरण मांगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला दिया और वकीलों से पूछा कि क्या शीर्ष अदालत ने फिल्म की रिलीज की अनुमति दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने आगे कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि हमने अखबारों में देखा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में था, जिसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि फिल्म की स्क्रीनिंग होने दें।
बता दें कि एक दिन पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जे. बागची की एक पीठ ने फिल्म की स्क्रीनिंग को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत की इस पीठ ने मौखिक रूप से कहा था कि फिल्म को रिलीज होने दें।
सुप्रीम कोर्ट ने 'फिल्म को रिलीज होने दें' वाली टिप्पणी तब की जब हत्या के मामले में एक आरोपी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि फिल्म को रिलीज होने देने से मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म के निर्माता को निर्देश दिया कि वे उन लोगों के लिए इसकी स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें जो इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। यह फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली है।
फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट से तो केवल मामले को सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी। बता दें उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी।
हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में दर्जी कन्हैया लाल शर्मा के सोशल मीडिया खाते पर कथित तौर पर साझा किए एक पोस्ट के जवाब में उसकी हत्या की गई थी।
इस मामले की जांच एनआईए ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मुकदमा जयपुर की विशेष एनआईए अदालत में लंबित है।
लेबल: दिल्ली
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ