दैनिक सरोकार ! निशांत शर्मा
नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025: सहारा इंडिया में फंसे निवेशकों के हक की लड़ाई को लेकर विश्व भारती जनसेवा संस्थान द्वारा आज जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस प्रदर्शन में देश के 12 राज्यों से लगभग 250-300 लोग शामिल होंगे। संगठन के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि यह प्रदर्शन सहारा इंडिया में फंसे करीब 13 करोड़ निवेशकों के हक की मांग को लेकर किया जा रहा है।
धरने की तैयारी पूरी
नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि धरना प्रदर्शन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंच निर्माण, स्टेज बुकिंग और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं मंगलवार को पूरी कर ली गई थीं। उन्होंने कहा, "हमारी राष्ट्रीय समिति के सभी सदस्य यहां मौजूद हैं और धरने को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।"
5 लाख करोड़ रुपये की वापसी की मांग
भारतभर में करीब 13 करोड़ निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है, जिसकी कुल राशि ब्याज समेत 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। कुशवाहा ने बताया कि इस पैसे की वापसी के लिए उनकी संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है और इस मुद्दे को संसद में भी उठवाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमारी मुख्य मांग यही है कि सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और निवेशकों को उनका हक दिलवाएं।"
सांसद भी होंगे शामिल
इस धरने को सांसद सुदामा जी और राजाराम जी का समर्थन प्राप्त है। दोनों सांसद स्वयं धरना स्थल पर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, कुछ अन्य सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। इस आंदोलन को पार्लियामेंट में आवाज देने के लिए सांसदों का सहयोग अहम माना जा रहा है।
निवेशकों से आंदोलन में जुड़ने की अपील
नागेंद्र कुशवाहा ने देशभर के निवेशकों से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, "सहारा इंडिया का इतिहास यही बताता है कि जो लड़ता है, उसे ही पैसा मिलता है। अगर निवेशक संघर्ष नहीं करेंगे, तो उन्हें कभी भी उनका हक नहीं मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ एजेंट निवेशकों को भ्रमित कर रहे हैं और उन्हें यह गलतफहमी दी जा रही है कि उनका पैसा जल्द ही लौटेगा। कुशवाहा ने निवेशकों से अनुरोध किया कि वे इन झूठे वादों से बाहर निकलकर इस आंदोलन में भाग लें और अपनी आवाज उठाएं।
सहारा इंडिया के खिलाफ संघर्ष जारी
नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने आगे कहा कि उनकी संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए आवेदन किया है, और उनकी टीम लगातार संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सहारा इंडिया के खिलाफ अब तक जो भी केस दर्ज किए गए हैं, वे पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए किए गए हैं। इस संघर्ष में उनका संगठन पूरी तरह से निवेशकों के साथ खड़ा है और उन्हें उनका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
कुशवाहा ने कहा, "सहारा इंडिया का इतिहास रहा है कि जो लड़ता है, वही पैसा पाता है।" वे यह भी मानते हैं कि बिना संघर्ष के निवेशकों को अपना पैसा वापस नहीं मिल सकता। उनका कहना है कि एजेंटों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम के कारण लोग सही रास्ते पर नहीं आ पा रहे हैं और यही कारण है कि इस आंदोलन को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।
निवेशकों की आवाज बन रहे हैं सांसद
सांसद सुदामा जी और राजाराम जी ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और वे अपने स्तर पर भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भी निवेशकों से अपील की है कि वे इस संघर्ष में शामिल होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।
इस धरने में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि आ रहे हैं और इस प्रदर्शन को एक मजबूत आंदोलन बनाने के लिए पूरी तैयारी की गई है। अब यह देखना होगा कि इस आंदोलन के जरिए सहारा निवेशकों को उनका हक मिल पाता है या नहीं।
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