पूर्व AAP विधायक नरेश बालियान को कोर्ट से मामूली राहत, हफ्ते में एक बार मिलेगी यह सुविधा

 


दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से पूर्व AAP विधायक नरेश बालियान को मामूली राहत मिली है। अदालत ने नरेश बालियान को जेल से हफ्ते में एक बार 5 मिनट के लिए अपने परिवार से ई-मुलाकात और टेलीफोन पर बातचीत करने की अनुमति दी है। नरेश बालियान की ओर से अधिवक्ता राजीव मोहन और रोहित कुमार दलाल पेश हुए। नरेश बालियान की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। बालियान की पिछली जमानत याचिका 27 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

नरेश बालियान ने जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ई-मुलाकात और परिवार के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने की मांग की थी। विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह की अदालत ने नरेश बालिया की याचिका को स्वीकार कर लिया। बालियान के वकील ने बताया कि इसी सुविधा के लिए अन्य तीन आरोपियों के आवेदनों को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

इस बीच, अदालत ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन को भी स्वीकार कर लिया जिसमें एक अन्य आरोपी विकास गहलोत से न्यायिक हिरासत में पूछताछ की अनुमति मांगी गई है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को आरोपी विकास गहलोत से न्यायिक हिरासत में पूछताछ करने की अनुमति दे दी। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच अधिकारी (आईओ) बदल गए हैं। एफएसएल की जांच में कुछ नए तथ्य भी सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि जरूरी है।

बता दें कि नरेश बालियान गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू गिरोह से जुड़े मकोका मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। बालियान पर गिरोह में सहयोगी होने का आरोप लगाया गया था। हालांकि नरेश बालियान का कहना है उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। ऐसे में यह केस ही निरर्थक है। वहीं पुलिस का दावा है कि नरेश बालियान के खिलाफ मकोका लागू करने के लिए आधार हैं। ऐसे में बालियान को कोई राहत नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि नरेश बालियान को पिछले साल 4 दिसंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने 15 जनवरी को बालियान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने एक मई को इस मामले में नरेश बालियान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस केस की जांच महत्वपूर्ण चरण में है। ऐसे में यदि आरोपी को जमानत दी गई तो जांच पर आंच आएगी।




 
 

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