दिल्ली पुलिस के फरार पुरुष और महिला एसआई की एक जोड़ी को इंदौर से पकड़ लिया गया है। आरोपी 2021 के बैचमेट हैं और साथ में ट्रेनिंग ली है। दोनों मिलकर तीन ठगी के मामलों में करोड़ों की सीज रकम धोखे से लेकर फरार हो गए थे। जब इस बात का खुलासा हुआ तो दिल्ली पुलिस की शाख पर एक बड़ा दाग लग गया था। दिल्ली पुलिस ने करीब चार माह की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को इंदौर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके तीन मददगारों को भी गिरफ्तार किया है।
आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी एसआई अंकुर मलिक और एसआई नेहा पुनिया के अलावा इनके मददगार मोहम्मद इलियास, आफि उर्फ मोनू और शादाब को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब एक करोड़ रुपये का सोना बरामद किया है। इसके अलावा 12 लाख कैश, 11 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया। आरोपियों ने ठगी की रकम से करोड़ों रुपये का सोना खरीद लिया था।
उधर, जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले पर कुछ भी ज्यादा बोलने से बचते रहे। पुलिस सूत्र के मुताबिक, आरोपियों के फरार होने के बाद से ही नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली की साइबर पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि महिला एसआई नेहा इंदौर में है। वह अपने जानकारों को कॉल कर रही थी, जिसके बाद पुलिस टीम ने ट्रैप लगाकर दोनों को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था।
यह पूरा मामला
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के साइबर थाने में तैनात एसआई अंकुर मलिक 17 मार्च को सात दिन की मेडिकल लीव लेकर लापता हो गया था। वह नहीं लौटा तो 27 मार्च को विवेक विहार थाने में गुमशुदगी दर्ज की गई। इसी दौरान जीटीबी एनक्लेव थाने में तैनात महिला एसआई नेहा पुनिया भी गायब हो गई। महिला एसआई की भी गुमशुदगी दर्ज की गई। जब पता चला कि तीन साइबर केस में सीज करोड़ों की रकम हेरफेर कर गबन की गई। पुलिस ने बताया कि दोनों ही शादीशुदा थे, लेकिन वह अपनी पत्नी और पति को छोड़कर एक साथ भाग गए थे।
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