एक बिल्डर ने बीस साल पहले उच्च शिक्षित युवती से प्रेम विवाह किया। फिर संबंध खराब होने पर इस साल मार्च में हत्या कर शव नाले में फेंक दिया। दिल्ली पुलिस की छावला थाने की इस केस की कहानी किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है।
बीते मार्च में साहिबी नदी से एक महिला का क्षत-विक्षत शव मिला था। पहचान पाना मुश्किल था, लेकिन गले की सोने की चेन और नथ पर बने हॉलमार्क ने मृतका की पहचान का दरवाजा खोला। जांच जब तह तक पहुंची तो महिला का पति अनिल ही हत्यारा निकला। उसने अपने नौकर की मदद से पत्नी की गला दबाकर हत्या की और शव को नदी में ठिकाने लगा दिया। छावला थाना पुलिस ने इस हत्याकांड में मृतका सीमा सिंह के पति अनिल सिंह और उसके घरेलू नौकर शिवशंकर पांडेय को गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ दिल्ली की अदालत में तीन जुलाई को हत्या की धारा में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।
ऐसे मिला सुराग
जांच में चेन पर बना हॉलमार्क नकली निकला, लेकिन नथ पर बना हॉलमार्क असली था, जो तमिलनाडु के होसूर की एक ज्वैलरी फर्म का था। पुलिस ने वहां जांच करवाई तो पता चला कि यह फर्म देश की एक नामी आभूषण कंपनी के लिए हालमार्क बनाती है। कंपनी से जानकारी मिली कि यह नथ 26 जनवरी 2024 को द्वारका के एक शोरूम से सीमा सिंह नाम की महिला ने 71 हजार रुपये में खरीदी थी। खरीदार का पता द्वारका सेक्टर-10 का था। पुलिस जब उस पते पर पहुंची तो पता चला कि सीमा 11 मार्च से लापता थी। किसी ने गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस ने जब मृतका की बहनों बबिता और नीमा को शव की तस्वीरें दिखाईं, तो उन्होंने सीमा की पहचान की पुष्टि की।
नौ लाख का हार और रिश्तों में खटास
बीते साल करवा चौथ पर अनिल ने किसी और महिला को नौ लाख रुपये का हार गिफ्ट किया था। सीमा को जब इसका पता चला तो दोनों के बीच बड़ा विवाद हुआ। इसके बाद अनिल ने सीमा के मोबाइल फोन छीन लिए और नया सिम व फोन दे दिया ताकि वह किसी से संपर्क न कर सके। बड़ा बेटा भी अनिल के साथ गुरुग्राम में रहने लगा। पुलिस की जांच में सामने आया कि अनिल पत्नी से पीछा छुड़ाना चाहता था। उसने नौकर शिवशंकर को भरोसे में लेकर हत्या की साजिश रची। शिवशंकर अनिल की कोठी के पार्किंग में रहता था और गार्ड का काम करता था। वह सीमा की हर गतिविधि पर नजर रखता था और अनिल को बताता था। यहां तक कि उसने एक बार कहा था कि साहब कहेंगे तो मैडम को खत्म भी कर दूंगा। 11 मार्च को अनिल ने शिवशंकर को फोन कर तैयार रहने को कहा। वह शाम को द्वारका स्थित कोठी पर आया। उसने पांच सौ रुपये देकर शिवशंकर को छोटे बेटे को लेकर गोयला डेयरी में दादी के घर भेजा।
चार्जशीट में मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज सबूत
पुलिस ने अनिल और शिवशंकर के खिलाफ हत्या और साजिश रचने का मामला दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। इसमें मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और हालमार्क की तकनीकी जानकारी शामिल है। मामला अब अदालत में है, लेकिन यह पूरी कहानी एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि कब तक रिश्तों में शक, लालच और साजिश जान लेने तक पहुंचते रहेंगे?
15 मार्च को साहिबी नदी में मिला था महिला का शव
15 मार्च को धूल सिरस गांव के पास साहिबी नदी में एक महिला का शव दिखा। चेहरा पहचानना मुश्किल था क्योंकि कई दिन से पानी में रहने की वजह से शव सड़ चुका था। पुलिस ने लाश को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की। आसपास के इलाकों में लापता महिलाओं की जानकारी खंगाली गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। शव के गले में एक सोने की चेन और नाक में नथ थी, जिन पर हालमार्क बना था। पोस्टमार्टम के बाद 26 मार्च को शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया और केस दर्ज कर छानबीन शुरू हुई। थी। किसी ने गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस ने जब मृतका की बहनों बबिता और नीमा को शव की तस्वीरें दिखाईं, तो उन्होंने सीमा की पहचान की पुष्टि की।
बच्चे को मोबाइल फोन में उलझाया
वारदात वाले दिन छोटे बेटे को दादी के घर भेज दिया था। जिद करने पर शिवशंकर दोबारा बच्चे वापस ले आया। अनिल ने सीमा का मोबाइल छोटे बेटे को दे दिया, ताकि वह गेम खेलने में व्यस्त रहे। फिर शिवशंकर को ऊपर बुलाया। दोनों ने सीमा को जहरीला पदार्थ दिया। सीमा के अचेत होते ही गला दबाकर हत्या कर दी गई। शव को बेडशीट में लपेटकर एसयूवी की डिग्गी में रख दिया।
एसयूवी में शव, सीट पर बैठा रहा बेटा
अनिल की कंपनी के दो कर्मचारी भी इस दौरान उसके साथ थे। सभी ने शव को गाड़ी में रखा और छावला की ओर रवाना हुए। बच्चे को मोबाइल पर गेम खेलने में लगा रखा था ताकि वह कुछ न समझे। छावला के सुनसान इलाके में पहुंचकर शव को साहिबी नदी में फेंक दिया गया। साथ में पत्थर और सीमेंट के टुकड़े भी बांध दिए ताकि शव सतह पर न आ सके।
सीमा ने 2005 में अनिल से प्रेम विवाह किया था
सीमा उत्तराखंड के बागेश्वर की रहने वाली थी। नैनीताल विश्वविद्यालय से एमएससी (गणित) करने के बाद नोएडा आकर नौकरी करने लगी। यहीं पर मोबाइल की दुकान पर उसकी मुलाकात अनिल से हुई थी। 2005 में दोनों ने प्रेम विवाह किया। शादी से उनके दो बेटे हैं। एक 16 साल का और दूसरा आठ साल का। अनिल पहले मोबाइल दुकान चलाता था, फिर प्रॉपर्टी के धंधे में उतर गया। कुछ ही साल में उसने अकूत संपत्ति बना ली, लेकिन कुछ वर्षों से पति-पत्नी के रिश्ते में दरार आ गई थी। सीमा को शक था कि अनिल का किसी दूसरी महिला से संबंध है।
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