मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के माधवगढ़ गांव में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। दिल्ली पुलिस की एक पर गांव वालों ने हमला कर दिया। पुलिस एक कॉर्पोरेट फ्रॉड के आरोपी सुभाष कुमार को गिरफ्तार करने पहुंची थी। दिल्ली की एक अदालत ने सुभाष को भगोड़ा घोषित कर उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
भीड़ ने पुलिस को बनाया निशाना
दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल कुलदीप और हरीकेश, स्थानीय खानपुर थाने की पुलिस के साथ, सुभाष को पकड़ने माधवगढ़ पहुंचे। जैसे ही पुलिस उसे हिरासत में लेकर वापस लौटने की तैयारी कर रही थी, 8-9 लोगों की भीड़, जिसमें पुरुष और महिलाएं शामिल थे, ने अचानक हमला बोल दिया। डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने बताया, 'भीड़ ने बल प्रयोग कर सुभाष को छुड़ाने की कोशिश की और उसे भगा ले गए।' इस हमले में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, छापेमारी शुरू
खानपुर पुलिस ने सुभाष और 12 अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का मामला दर्ज किया है। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस प्रखर पांडे ने कहा, 'दिल्ली पुलिस की शिकायत के आधार पर बीएनएस की विभिन्न धाराओं, जिसमें दंगा करना शामिल है, के तहत केस दर्ज किया गया है। हमलावरों और भगोड़े को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।' पुलिस ने गांव में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन हमले के बाद सुभाष और गांव वाले फरार हो चुके हैं।
क्या है मामला?
सुभाष कुमार 2016 में एक निजी कंपनी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में वांछित था। अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित होने के बाद उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। दिल्ली पुलिस और स्थानीय पुलिस ने मिलकर उसे हिरासत में लिया था, लेकिन गांव वालों की भीड़ ने अचानक हमला कर उसे छुड़ा लिया। खानपुर थाने के सब-इंस्पेक्टर सिद्धार्थ राणा, जो दिल्ली पुलिस के साथ थे, ने बताया, 'सुभाष के रिश्तेदारों और कुछ गांव वालों ने मिलकर पुलिस पर हमला किया और उसे भगा ले गए।'
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं और फरार आरोपी व हमलावरों को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इस घटना ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं, और पुलिस अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
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