पांच साल में 134 भगोड़ों को वापस लाया गया : सीबीआई



 केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले पांच वर्ष में विदेश से 134 भगोड़ों की वापसी कराने में सफलता हासिल की है, जो 2010 से 2019 के बीच एक पूरे दशक में स्वदेश भेजे गए लोगों की संख्या से लगभग दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि इंटरपोल के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय स्थापित करते हुए, सीबीआई 2020 से अब तक इन 134 भगोड़ों का प्रत्यर्पण या निर्वासन कराने में सफल रही है। अधिकारियों ने कहा कि सफलता दर में वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा बढ़ाए गए राजनयिक संपर्कों, वीवीआईपी यात्राओं के माध्यम से भारत की पहुंच, द्विपक्षीय संबंधों, तकनीकी प्रगति और इंटरपोल के साथ बेहतर समन्वय को दिया जा सकता है।


रेड नोटिस 195 देशों को सचेत करता है इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए सीबीआई ने जनवरी में अपना डिजिटल पोर्टल 'भारतपोल' शुरू किया था। रेड नोटिस किसी देश में वांछित भगोड़े के बारे में सभी 195 देशों को सचेत करता है। ‘भारतपोल पोर्टल से समय घटता है एजेंसी द्वारा आंतरिक रूप से विकसित यह प्लेटफॉर्म, भारतीय पुलिस एजेंसियों को सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से जोड़ता है, जिससे जांच और प्रत्यर्पण प्रक्रिया में तेजी आती है और इस तरह रेड नोटिस जारी करने का औसत समय छह महीने से घटकर तीन महीने रह जाता है। बढ़ी राजनयिक गतिविधियां महत्वपूर्ण कारक इसके अतिरिक्त, प्रत्यर्पण और निर्वासन सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कारक सरकारों के बीच आपसी समझ है, जिसमें भारत की बढ़ी हुई राजनयिक गतिविधियों के कारण हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। विदेश मंत्रालय, विशेष रूप से राजदूतों और उच्चायुक्तों की भूमिका, भगोड़ों के प्रत्यर्पण में महत्वपूर्ण कारक है। सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय समन्वय बढ़ाया सीबीआई ने 'ग्लोबल ऑपरेशन्स सेंटर' वैश्विक संचालन केंद्र की स्थापना के माध्यम से अपने अंतरराष्ट्रीय समन्वय को भी बढ़ाया है। अधिकारियों ने कहा कि यह केंद्र भारत के प्रत्यर्पण प्रयासों में तेजी लाने के लिए विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस समन्वित प्रयास की एक उल्लेखनीय सफलता हाल में अमेरिका में नेहल मोदी की गिरफ्तारी थी। नेहल, नीरव मोदी का भाई है। 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि संसद में हाल में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारत ने अब तक 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं और 12 अन्य के साथ औपचारिक प्रत्यर्पण साझेदारी की है। भारत में 2022 की इंटरपोल की महासभा और यहां आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन ने भी इस प्रगति को और अधिक गति प्रदान की है।




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