राजधानी दिल्ली में बुधवार को सात स्कूलों को बम की धमकी भरे ईमेल मिले, जिससे अभिभावकों, छात्रों और स्कूल स्टाफ में दहशत फैल गई। यह लगातार तीसरा दिन था जब शहर के स्कूलों को इस तरह की धमकियां मिलीं। धमकी मिलने के बाद स्कूलों को खाली करवाया गया, बच्चों को घर भेज दिया गया और बम निरोधक दस्तों ने तलाशी अभियान चलाया। हालांकि सभी धमकियां झूठी निकलीं।
12 साल का बच्चा निकला एक धमकी का मास्टरमाइंड
पुलिस ने खुलासा किया कि मंगलवार को मिली एक धमकी के पीछे साउथ दिल्ली का एक 12 साल का बच्चा था। इस नन्हे शरारती ने अपने निजी मोबाइल फोन से सेंट थॉमस स्कूल और सेंट स्टीफंस कॉलेज को धमकी भरा ईमेल भेजा था। डीसीपी (द्वारका) ने बताया, ‘बच्चे से पूछताछ की गई, उसे समझा कर घर भेज दिया गया। उसने बताया कि यह सब मजाक में किया था। बच्चे की मेंटल हेल्थ का भी इलाज चल रहा है।’
किन-किन स्कूलों पर थी नजर?
बुधवार को जिन स्कूलों को निशाना बनाया गया, उनमें द्वारका का सेंट थॉमस स्कूल (जिसे मंगलवार को भी धमकी मिली थी), वसंत कुंज का वसंत वैली स्कूल, हौज खास का मदर्स इंटरनेशनल स्कूल, पश्चिम विहार का रिचमंड ग्लोबल स्कूल, लोदी एस्टेट का सरदार पटेल विद्यालय और पीतमपुरा और अशोक विहार का प्रूडेंस स्कूल शामिल हैं।
रहस्यमयी ईमेल और रोडकिल का जिक्र
धमकी भरे ईमेल में दावा किया गया कि स्कूल बैग्स में विस्फोटक छिपाए गए हैं। इनमें 'रोडकिल' और 'बेंजी' जैसे अज्ञात नामों का भी जिक्र था, जिसने जांच को और पेचीदा बना दिया। पुलिस का मानना है कि बुधवार की धमकियों के पीछे भी नाबालिग हो सकते हैं। डीसीपी ने अभिभावकों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
तीन दिन में 10 से ज्यादा स्कूल निशाने पर
पिछले तीन दिनों में दिल्ली के 10 से अधिक स्कूलों को बम की धमकियां मिल चुकी हैं। सोमवार को चाणक्यपुरी के नेवी स्कूल, द्वारका के सीआरपीएफ स्कूल और रोहिणी के एक स्कूल को निशाना बनाया गया था। पुलिस और प्रशासन इस मामले में सतर्क हैं और जांच तेजी से जारी है।
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