भरथना, इटावा, 22 जून 2025:
कस्बा के मोहल्ला गिरधारीपुरा स्थित महादेव मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। मां बगला परमेश्वरी पीठ, बिठूर कानपुर धाम से पधारे आचार्य धर्मेंद्र कृष्ण त्रिपाठी ने सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्ति, मित्रता और ब्राह्मण सम्मान की महत्ता पर प्रकाश डाला।
आचार्य ने कहा कि भगवान के मित्र सुदामा का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक था। उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं माँगा, फिर भी भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी मित्रता का पूरा सम्मान किया। यह कथा इस बात का उदाहरण है कि सच्चा मित्र वही है जो सुख-दुख में साथ निभाए। उन्होंने राजा नृग की कथा के माध्यम से यह भी बताया कि ब्राह्मणों का आदर समाज के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है।
कथा की पूर्व बेला में परशुराम सेवा समिति द्वारा आचार्य का माल्यार्पण कर पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया। स्वागत करने वालों में विपिन बिहारी दुबे, महेश शुक्ला, राजू दीक्षित, रामज्ञान दीक्षित, योगेंद्र तिवारी, प्रभाकर तिवारी, दिलीप दुबे, गोपाल तिवारी आदि प्रमुख रहे।
इस अवसर पर परीक्षित संतोष तिवारी और उनकी पत्नी सुधा देवी सहित टिंकू तिवारी, पंकज तिवारी, पप्पू पुजारी, रामनरेश तिवारी, ऋषि तिवारी, पिंकू तिवारी, कुन्नू मिश्रा, अरविंद चौबे, वीरेंद्र चौबे, शिवदयाल प्रजापति, नागेश दीक्षित, शिवम तिवारी समेत कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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