दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार को सायरन की आवाजें सुनाई दीं। राजधानी में लोगों को उस वक्त आश्चर्य और चिंता दोनों हुई जब अचानक आसमान में खतरे की चेतावनी जैसे सायरन बजने लगे। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह एक प्लानिंग के तहत किया गया सायरन परीक्षण था, जिससे किसी संभावित आपात स्थिति से पहले की तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
किन इलाकों में हुआ परीक्षण?
दिल्ली के ITO, लाजपत नगर, करोल बाग, राजेंद्र प्लेस और द्वारका जैसे इलाकों में यह परीक्षण किया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास नागरिकों को जागरूक करने और आपदा के समय प्रतिक्रिया प्रणाली को जांचने के लिए किया गया। हालांकि कुछ लोग इस परीक्षण से अनजान थे जिससे भ्रम की स्थिति बनी रही।
क्यों जरूरी है ऐसा अभ्यास?
भारत-पाक सीमा पर तनावपूर्ण हालात और सुरक्षा एजेंसियों की अलर्ट स्थिति को देखते हुए यह अभ्यास जरूरी माना गया। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसी आपात स्थिति में सायरन बजते हैं तो लोगों को यह पता होना चाहिए कि कैसे और कहां सुरक्षित पहुंचना है।
क्या करें नागरिक?
प्रशासन की अपील है कि लोग घबराएं नहीं लेकिन सतर्क जरूर रहें। सायरन बजने पर सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से दूर रहें।
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