श्रीकृष्ण सत्यवादी,वेद वेदांगों के तत्ववेता व ब्रह्मचारी थे : आरूषी राणा
श्रीकृष्ण सम बनने के लिए दूध पीने,मक्खन खाने,योगाभ्यास का कराया संकल्प : विनोद आर्य
गाजियाबाद : योग यज्ञ कार्यशाला आर्य समाज अवंतिका के तत्वाधान में योगिराज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव महर्षि दयानन्द पार्क, अवंतिका में किया गया।
सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित विनोद आर्य ने श्रीकृष्ण सम बनने के लिए दूध पीने,मक्खन खाने,योगाभ्यास का कराया संकल्प तथा इस आतंकवाद के समय में श्रीकृष्ण जैसे महापुरुष, न्यायप्रिय,दुराचारियो का नाश करने के लिए और शांति धर्म की स्थापना के लिए आज आवश्यकता है और उन्होंने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व उनका गुणगान आधुनिक साजबाज पर गाए गीतों से श्रोता झूम उठे।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के उपलक्ष्य मे डा आरूषी राणा ने कहा आज हम यहां पर श्रीकृष्ण जी का गुणानुवाद करने के लिए एकत्रित हुए हैं।श्रीकृष्णसत्यवादी, वेद वेदांगों के तत्ववेता व ब्रह्मचारी थे।उन्होंने आगे कहा कि महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में लिखा कि श्रीकृष्ण का चरित्र महाभारत में अतिउत्तम है उन्होंने जन्म से मरण पर्यन्त कोई गलत काम नहीं किया।श्रीकृष्ण आप्त पुरुष थे,जिसका अर्थ होता है छल कपट से रहित,धार्मिक, विद्वान, शुद्ध,पवित्र।श्री कृष्ण राजा थे।राजा को कूटनीतिज्ञ होना होता है उसको अत्याचारियों को और उनका साथ देने वालों को साम,दाम,दंड और भेद चारों प्रकार से नष्ट किया जा सकता है, इसीलिए श्री कृष्ण ने गुरु द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह का वध छल कपट से कराया।उनके बताए पथ पर चलेंगे तभी हमारा कल्याण होगा।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मनोज त्यागी ने सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की बधाई दी एवं इस सुन्दर आयोजन के लिए आयोजकों की भूरी भूरी प्रशंसा की।
इस अवसर पर समाज के प्रधान वेद प्रकाश तोमर ने सभी दूर दराज से पधारे श्रोताओं काb आभार व्यक्त किया।
आर्य समाज अवंतिका की संरक्षिका एवं मंच संचालिका डॉ प्रतिभा सिंघल ने बताया कि नंद बाबा के लाख गाय थी।वे माखन चोर नहीं थे।कृष्ण जी पर लगाया हुआ यह लांछन हटाना चाहिए किसी भी हिंदू को श्रीकृष्ण जी को माखन चोर नहीं कहना चाहिए।श्याम चूड़ी बेचने आया जैसे गीत नहीं गाने चाहिए।श्री कृष्ण जी के साथ राधा कृष्ण न कहकर रुक्मणी कृष्ण कहना चाहिए।
इस उत्सव में आर्य समाज के सभी पदाधिकारियों एवं अवंतिका वासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
छोटे-छोटे बच्चों किमाया सिंघल,कसा सिंघल,अथर्व ने गीता के श्लोक और इससे संबंधित गीत प्रस्तुत किए और उनको परिणाम स्वरूप समाज द्वारा उनको पुरुस्कृत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री प्रवीण आर्य,डा प्रमोद सक्सैना,बृजपाल गुप्ता,वीके धामा,वेद प्रकाश तोमर,सुरेंद्र सिंह,राजेंद्र पाल सिंह,कृपाल सिंह, पीएन वर्मा, रेखा गर्ग, जगदीश आर्य, आशा आर्या,प्रमोद शास्त्री,सत्य पाल आर्य,ज्ञान प्रभा बंसल,सुमन जिंदल, रेखा शीशोदिया,किशन दास उत्तम शर्मा,प्रेम पाल एवं संजीव आदि मौजूद रहे।
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