दैनिक सरोकार ! देव कुमार / भुवनेश्वर : चुनाव से कुछ दिन पहले ओडिशा में बीजेपी-बीजेडी गठबंधन की बात चल रही थी। हालांकि, बाद में गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा से पर्दा हटाते हुए दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव मैदान में जाने का निर्णय कर लिया।
इस संदर्भ में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय मीडिया में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया कि आखिर दोनों ही दलों में गठबंधन क्यों नहीं हुआ। शाह ने कहा कि बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन की बातचीत विफल हो गई। इसके बाद दोनों दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ने का फैसला किया।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का दृढ़ विश्वास था कि भाजपा को ओडिशा की ओडिया भाषा, संस्कृति और गौरव के लिए अकेले लड़ना चाहिए। उनके विश्वास के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है।
अमित शाह ने बताया कि हम ओडिशा के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के विकास की जिम्मेदारी दें। जिन राज्यों में पीएम मोदी की जीत हुई है। वहां विकास दर में काफी तेजी से इजाफा हुआ है।
यहां उल्लेखनीय है कि सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल एवं प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी के बीच चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर कई दिनों तक उहा-पोह की स्थिति बनी रही।
सुबह गठबंधन होने की बात सामने आती थी तो शाम होते होते उसका खंडन हो जाता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं खुद दोनों ही पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता गठबंधन को लेकर असमंजस में थे। किसी को कुछ नहीं पता था कि गठबंधन होगा या नहीं। हालांकि, आखिर स्थिति स्पष्ट हुई और फिर दोनों ही पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान मैं हैं।
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