जश्न के बीच गुजरात में AAP को झटका, बोटाद के विधायक का पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा


गुजरात की विसावदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मिली जीत के जश्न में डूबी आम आदमी पार्टी (AAP) को जोर का झटका लगा है. गुजरात में AAP के 2 विधायक हैं. विसावदर के अलावा बोटाद सीट से विधायक उमेश मकवाना ने आज गुरुवार को पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उनका कहना है कि वो पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे और कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे.


पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने इस्तीफे में बोटाद के विधायक उमेश मकवाना ने कहा कि वह सामाजिक कामों में कम समय दे पा रहे हैं, ऐसे में वह पार्टी से जुड़े तमाम पदों से इस्तीफा दे रहे हैं.


कार्यकर्ता के रूप में सेवा करूंगाः उमेश


उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, “मैं आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर पिछले 2.5 साल से काम कर रहा हूं. साथ ही गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी के दंडक के रूप में भी सेवा कर रहा हूं. लेकिन मेरी सामाजिक सेवाएं कम होने की वजह से आम आदमी पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.”


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हालांकि पार्टी में बने रहने का दावा करते हुए उमेश मकवाना ने आगे कहा, “मैं एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए काम करता रहूंगा. मुझे मेरे सभी पदों पर से और जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए.”


गुजरात के उपचुनाव में जीती थी AAP


पार्टी में यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब पिछले दिनों गुजरात की एक सीट पर कराए गए उपचुनाव में AAP ने अपनी पकड़ बनाए रखी. AAP की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर शानदार जीत हासिल की. उन्होंने चुनाव में अपने करीब प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी के प्रत्याशी किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया.


AAP की यह जीत इस मायने में खास रही है क्योंकि गुजरात में ढाई दशकों से लगातार पूर्ण प्रभुत्व रखने के बावजूद, बीजेपी साल 2007 से विसावदर सीट नहीं जीत सकी है. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान AAP के प्रत्याशी भूपेंद्र भयानी ने जीत हासिल की थी. लेकिन दिसंबर 2023 में उनके पार्टी से इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल होने के बाद दिसंबर 2023 में यह सीट खाली हो गई थी.


चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 21 चरणों की गिनती के बाद गोपाल इटालिया को कुल 75,942 वोट मिले, जबकि पटेल के खाते में 58,388 वोट आए. इससे पहले बीजेपी नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा था कि वे विसावदर सीट पर 18 साल बाद अपनी पहली जीत की उम्मीद कर रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी ने आखिरी बार 2007 में जीत का स्वाद चखा था. हालांकि 2025 के उपचुनाव में भी उसे हार मिली.




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