Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

धर्म प्रत्येक व्यक्ति का निजी मामला होना चाहिए: सुक्खू

 ‘संवैधानिक चुनौतियां: परिप्रेक्ष्य और मार्ग विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग कहा, धर्म का इस्तेमाल लोगों को बांटने के लिए नहीं किया ज...


 ‘संवैधानिक चुनौतियां: परिप्रेक्ष्य और मार्ग विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग कहा, धर्म का इस्तेमाल लोगों को बांटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए नई दिल्ली, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि धर्म प्रत्येक व्यक्ति का निजी मामला होना चाहिए। राज्यों को अपने दृष्टिकोण में धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। वह एक राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। सुक्खू ने शनिवार को ‘संवैधानिक चुनौतियां: परिप्रेक्ष्य और मार्ग विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने ‘धर्म और संविधान: सुरक्षा और दिशानिर्देश विषय पर दूसरे सत्र की अध्यक्षता की। सीएम ने कहा कि प्रत्येक धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए और शांति एवं भाईचारे की प्राचीन परंपराओं को कायम रखा जाना चाहिए।

सुक्खू ने कहा कि हमारे देश में हर धर्म का सम्मान किया जाता है और हमारी एकता व भाईचारे की समृद्ध परंपराओं का आधार यही है। हम अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाने जाते हैं। समृद्ध मूल्यों के अभाव में समाज में हिंसा और संघर्ष की संभावना हमेशा बनी रहती है। सीएम ने कहा कि धर्म हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह अनादि काल से मानव समाज के अस्तित्व के केंद्र में रहा है। धर्म का इस्तेमाल लोगों को बांटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए और धर्म को राजनीति से अलग करने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। कोई भी धर्म दूसरे के खिलाफ नहीं भड़काता। सुक्खू ने कहा, जो लोग हमेशा हमारी प्राचीन सभ्यता पर गर्व करते हैं, वे हमारी धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल औचित्य को क्यों नहीं समझते। भारतीय संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता इस विश्वास पर आधारित है कि प्रत्येक मनुष्य को अपनी अंतरात्मा की आवाज उठाने का एक अंतर्निहित सम्मान प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने कहा, अगर हम धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करते हैं, तो हम एकता भी प्रदान करते हैं। संविधान की प्रस्तावना में एकता के लिए बंधुत्व शब्द का प्रयोग किया गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, अभिषेक सिंघवी, अलका लांबा, प्रमोद तिवारी और अन्य ने भी अपने विचार रखे।




कोई टिप्पणी नहीं