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‘बुढ़ापा पेंशन बंद, राशन कार्ड से भी नाम काटा…’ एक बार जिंदा कर फिर मार दिया, पीड़ित लगा रहा दफ्तरों के चक्कर

 परिवार में बेटा, बहू और तीन पोते हैं. मैं और मेरा बेटा मजदूरी करते हैं. 20 जनवरी को राशन लेने गया तो डिपो पर पता चला कि राशन कार्ड से नाम क...


 परिवार में बेटा, बहू और तीन पोते हैं. मैं और मेरा बेटा मजदूरी करते हैं. 20 जनवरी को राशन लेने गया तो डिपो पर पता चला कि राशन कार्ड से नाम काट दिया गया है. इसलिए राशन नहीं मिलेगा. फिर पता किया तो मालूम हुआ कि मेरी मृत्यु हो चुकी है, इसलिए राशन कार्ड से नाम काट दिया गया है. ये बातें एक 63 साल के बुजुर्ग ने कहीं. बुजुर्ग का नाम जय सिंह है. वो हरियाणा के पलवल जिले के तुमसरा गांव में रहते हैं.


जय सिंह को मृत बताकर दो बार उनका और उनके परिवार का नाम पहचान पत्र से काट दिया गया. इस वजह से अब न उनको सरकारी राशन प्राप्त हो रहा है और ना ही बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन. उनको दो महीने से राशन और पेंशन नहीं मिली है. इससे उनके सामने आर्थिक संकट आ गया है. जय सिंह खुद को जीवित साबित करने के लिए सरकारी अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

 

फैमली आईडी से नाम कटा तो रोकी गई पेंशन


अपनी मौत का कारण जानने के लिए 20 जनवरी को जय सिंह कॉमन सर्विस सेंटर पर भी गए थे. जहां उनको उनकी मौत हो जाने की बात और इसी वजह से फैमली आईडी से उनका नाम काट देने की बात बताई गई. इसी वजह से उनका नाम राशन कार्ड से भी काट दिया गया. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बुजुर्ग बताया कि फैमली आईडी से उनका नाम कट जाने की वजह से उनकी पेंशन रोक दी गई.


जय सिंह ने बताया कि उन्होंने सरपंच और नंबरदार से जिंदा होने का पत्र लिखवाया और विभाग में दे दिया. इसके बाद नाम आईडी में चढ़ गया, लेकिन कुछ दिन बाद फिर नाम कट गया. 20 जुलाई को वह राशन लेने गए तो फिर उनसे कहा गया कि राशन कार्ड से उनका नाम दोबारा नाम कट गया है. जय सिंह फिर उसी सीएससी पर यह जानने के लिए गए कि आखिर इस बार उनके साथ ऐसा क्यों किया गया.


पेंशन विभाग से लेकर सीएम विंडो तक शिकायत


सीएससी में फिर उन्हें बताया गया कि उनकी मौत हो जाने से ऐसा किया गया है. तब से वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. पेंशन विभाग से लेकर सीएम विंडो तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद फैमली आईडी में उनका नाम नहीं चढ़ा. पीड़ित ने कहा कि गड़बड़ी की वजह से उनको पेंशन और राशन नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो थक चुके हैं. कहीं कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है.


जय सिंह का कहना है कि वो जिंदा हैं फिर भी प्रशासन उनको मृत दिखाकर सरकारी सुविधाओं से वंचित रखे हुए है. अब वो अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करें. वहीं फेमिली आईडी का काम देख रहे एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है कि जय सिंह का नाम फैमली आईडी से कट गया है. ऐसा किन वजहों से किया गया है अभी इसका पता नहीं चला है.


अधिकारी ने बताया कि इसकी जांच के लिए चंडीगढ़ पत्र भेजा गया है. पीड़ित जय सिंह की तरफ से नाम चढ़वाने को लेकर अनुरोध भेजा गया है.




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