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कुत्ते भी हैं दिल्लीवाले; जॉन अब्राहम का SC के चीफ जस्टिस को भावुक लेटर

 दिल्ली-एनसीआर से लावारिस कुत्तों को हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नई बहस छिड़ गई है। पशु प्रेमी, एक्टिविस्ट से नेता और अभिनेता ...



 दिल्ली-एनसीआर से लावारिस कुत्तों को हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नई बहस छिड़ गई है। पशु प्रेमी, एक्टिविस्ट से नेता और अभिनेता तक हर तबके से कुत्तों के लिए हमदर्दी की आवाज उठ रही है। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर जॉन अब्राहम ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक भावुक लेटर लिखा और सर्वोच्च अदालत से पास किए आदेश पर दोबारा विचार की गुजारिश की है। जॉन अब्राहम ने कहा कि कुत्ते भी इंसानों की तरह 'दिल्लीवाले' हैं और सदियों से यहां रह रहे हैं।

52 साल के अभिनेता ने चीफ जस्टिस बीआर गवई को लिखे लेटर में कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आप इस बात पर सहमत होंगे कि ये लावारिस नहीं है, बल्कि सामुदायिक कुत्ते हैं- जिन्हें बहुत से लोग प्यार-सम्मान देते हैं और अपने अधिकारों से दिल्लीवाले हैं। इंसानों के पड़ोसी के रूप में वहे पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं।' गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने 8 सप्ताह के भीतर दिल्ली-एनसीआर के सभी कुत्तों को शेल्टर में भेजने का आदेश दिया है।

अब्राहम ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) डॉग रूल्स 2023 कहता है कि कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें अपने घर वापस लौटाना चाहिए। उन्होंने कुत्तों के लिए दया, विज्ञान आधारित समाधान और भारतीय कानूनों के अनुपालन की मांग की। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि लाखों कुत्तों की अनुपस्थिति का क्या असर होगा और इससे मानवीय स्वास्थ्य पर जोखिम होगा।


अभिनेता ने कहा कि जहां एबीसी कार्यक्रम को ईमानदारी से लागू किया गया, वहां यह कारगर साबित हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली भी ऐसा कर सकती है। नसबंदी के दौरान कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जाता है और इसके बाद कुत्ते शांत हो जाते हैं, उनके खूंखार होने और काटने की घटनाएं कम हो जाती हैं। चूंकि कुत्ते अपने इलाके को पहचानते हैं, इसलिए वे बिना नसबंदी और बिना टीकाकरण वाले कुत्तों को अपने इलाके में घुसने नहीं देते।’ अभिनेता के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने से समस्या का समाधान नहीं होगा।


अब्राहम को ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (पेटा) इंडिया का पहला मानद निदेशक नियुक्त किया गया था। वह पशुओं विशेषकर कुत्तों से कई बार अपना विशेष प्रेम जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने पहले भी इनके लिए अदालत का रुक किया था। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पृथ्वी पर भगवान हैं तो वह कुत्ते हैं।




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