Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बहुत जरूरी है नर्सिंग स्टाफ, बिना बाधा के हो इनकी भर्ती: दिल्ली HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में बिना किसी बाधा और रुकावट के नर्सिंग अधिकारियों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती करने का ...


दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में बिना किसी बाधा और रुकावट के नर्सिंग अधिकारियों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती करने का आदेश दिया है, साथ ही कोर्ट ने इन भर्तियों को हेल्थ मैनेजमेंट के लिए बेहद जरूरी भी बताया। जस्टिस प्रतिभा सिंह और मनमीत अरोरा की बेंच ने इस बारे में 8 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि भर्ती प्रक्रिया, परीक्षा परिणाम घोषित होने और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शुरू की जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने इन नियुक्तियों को वक्त गंवाए बिना पद-दर-पद के आधार पर करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव को 22 अगस्त को कार्यवाही में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का निर्देश भी दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए इन कर्मचारियों की भर्ती बेहद जरूरी है। इसलिए भर्ती प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी की जानी चाहिए और जैसे ही परिणाम घोषित होंगे, आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, दूसरे पदों पर भर्ती का इंतजार किए बिना पद-दर-पद आधार पर नियुक्ति की जानी चाहिए।'

 

हाई कोर्ट ने यह निर्देश उस मामले की सुनवाई के दौरान दिए, जिसमें वह राजधानी के सरकारी अस्पतालों में बेहतर इंतजामों की कथित कमी के 2017 के एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था। इस मामले में अधिवक्ता अशोक अग्रवाल को न्यायमित्र नियुक्त किया गया था।

 

इससे पहले हाई कोर्ट ने एम्स निदेशक को डॉ.एस.के.सरीन समिति की सिफारिशों को लागू करवाने की जिम्मेदारी दी थी, जिसमें स्वास्थ्य प्रणाली में रिक्त पदों, महत्वपूर्ण संकाय सदस्यों की कमी और बुनियादी ढांचे सहित कई कमियों के बारे में बताया गया था।


दिल्ली सरकार ने 10 जुलाई को अदालत में दाखिल की अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि विभिन्न अस्पतालों में नर्सिंग अधिकारियों या पैरा-मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को रिकॉर्ड में रखा गया है। सरकार ने बताया कि अधिकांश भर्तियों के परिणाम इस साल अप्रैल से दिसंबर तक अलग-अलग तारीखों पर घोषित किए जाने थे।

 

पिछले कुछ सालों के दौरान अदालत ने एम्स सहित इन सरकारी अस्पतालों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में 8 अगस्त को, उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को ऑडियोमेट्रिक सहायक, व्यावसायिक चिकित्सक और फिजियोथेरेपिस्ट के पदों के लिए रिक्तियों का विज्ञापन देने का आदेश दिया।


सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अधूरे पड़े उन 24 अस्पताल प्रोजेक्ट पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जहां कोई काम नहीं चल रहा है। अदालत ने कहा कि सरकार ने अपनी मई की स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि समीक्षा समिति का गठन किया गया था और उसने इन सभी अस्पतालों के निर्माण के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी।




कोई टिप्पणी नहीं

Popular Posts