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दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास कड़ी सुरक्षा, लेजर बीम और ड्रोन के इस्तेमाल पर लगा बैन; पुलिस ने बताई वजह

 दिल्ली पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा और उचित विमानन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे के आसपास के क...


 दिल्ली पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा और उचित विमानन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्रों में 23 सितंबर तक 60 दिन के लिए लेजर बीम और ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। पालम (IGI हवाई अड्डा) के सहायक पुलिस आयुक्त वीर कृष्ण पाल सिंह द्वारा जारी दो अलग-अलग आदेशों के अनुसार, यह निर्देश 26 जुलाई से 23 सितंबर तक लागू रहेगा। क्षेत्र में फार्महाउस, बैंक्वेट हॉल और होटलों में होने वाली शादियों और पार्टियों के दौरान आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली लेजर लाइटों के कारण पायलटों को विशेष रूप से लैंडिंग के दौरान दिखने से जुड़ी परेशानियां होती हैं।

 

एसीपी ने अपने एक आदेश में कहा, ‘IGI हवाई अड्डे के आसपास कई फार्महाउस, बैंक्वेट हॉल, होटल और रेस्तरां हैं, जहां कार्यक्रमों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली चमकदार व तेज रोशनी और लेजर बीम आमतौर पर परेशानी का कारण बनती हैं और पायलट की नजर को विचलित करती हैं।’

 

सिंह ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी से विमान और यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होता है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इसी वजह से पालम सब-डिवीजन (उपमंडल) के अधिकार क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति, आयोजक या प्रतिष्ठान द्वारा किसी भी कार्यक्रम के दौरान लेजर बीम लाइट का उपयोग करने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।’

 

एक अन्य आदेश में, एसीपी ने इसी अवधि के दौरान क्षेत्र में और उसके आसपास ड्रोन, पैराग्लाइडर और एयरो-मॉडल सहित मानवरहित विमान प्रणालियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस बारे में उन्होंने ऐसे हवाई प्लेटफार्मों के इस्तेमाल से संभावित आतंकवादी हमलों के बारे में खुफिया जानकारी का हवाला दिया।


आदेश में कहा गया है, 'आम जनता द्वारा ड्रोन और एयरो-मॉडल का उपयोग विमानन सुरक्षा के लिए खतरनाक है और एक गंभीर आतंकवादी खतरा पैदा कर सकता है।' किसी भी आदेश का उल्लंघन करने वालों पर बीएनएस की धारा 223(ए) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत वैध सार्वजनिक आदेश की अवज्ञा करने पर छह महीने तक की जेल या 2,500 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

साल 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान नियम 1937 में संशोधन का प्रस्ताव रखा था, जिसमें विमानों पर लेज़र लाइटें चमकाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। मसौदे में यह भी सुझाव दिया गया कि यदि ऐसे किसी व्यक्ति की पहचान हो जाती है, तो सबसे पहले केंद्र सरकार के किसी अधिकारी द्वारा उसे नोटिस दिया जाना चाहिए।


अगस्त 2017 में ऐसी ही एक घटना में, मुंबई से दिल्ली जा रही इंडिगो की एक उड़ान के पायलट ने रनवे के पास पहुंचते समय हरी लेज़र लाइट से ध्यान भटकने की शिकायत की थी, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।




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