सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबी...
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की संशोधित सूची के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया, हाईकोर्ट का आदेश त्रुटिपूर्ण लगता है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 17 जून को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणियों के तहत 140 उपवर्गों को आरक्षण देने के संबंध में जारी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगा दी थी। सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया और कहा कि यह हैरान करने वाला है।
हाईकोर्ट ऐसा आदेश कैसे पारित कर सकता है? आरक्षण कार्यपालिका के कार्य का हिस्सा है। ओबीसी सूची में 77 समुदायों को शामिल करने के फैसले को मई 2024 में हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने के बाद राज्य ने नई सूची तैयार की थी।
कोई टिप्पणी नहीं