राजस्थान के झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक चिंतित हैं। वे स्कूलों की बदहाल...
राजस्थान के झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक चिंतित हैं। वे स्कूलों की बदहाली और रखरखाव को लेकर की जा रही अनदेखी पर सवाल उठा रहे हैं। हिन्दुस्तान टीम ने बुधवार को राजधानी के अलग-अलग इलाकों में संचालित स्कूलों की पड़ताल की, तो कई स्कूलों की दीवारों पर दरारें साफ दिखीं। कई पुरानी इमारतों में चल रहे स्कूलों पर पेश है रिपोर्ट....
नंद नगरी: स्कूल की छत से गिर रहा प्लास्टर, दीवारों पर सीलन
नंद नगरी के ई ब्लॉक स्थित सरकारी स्कूल की छत से प्लास्टर गिर रहा है। इसके बावजूद इमारत में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। छात्रों का आरोप है कि स्कूल में जगह-जगह से प्लास्टर झड़ रहा है। स्कूल के शौचालय की दीवार पर सीलन आ गई है। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। इसी तरह ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित सरकारी स्कूल की इमारत में पौधे उग आए हैं। स्कूल परिसर में पुरानी इमारत भी मौजूद है। यह बेहद खराब हालत में है। बच्चे इसके आसपास खेलते हैं। ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
लामपुर गांव: मरम्मत की मांग पर नहीं दे रहे हैं ध्यान
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के लामपुर गांव स्थित निगम के स्कूल की हालत बेहद खराब है। स्कूल की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्कूल की मरम्मत की मांग कई बार स्थानीय लोग और अभिभावक प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन अब तक ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय निवासी विजय ने बताया कि इस स्कूल में नर्सरी से पांचवी कक्षा तक लगभग 700 छात्र पढ़ाई करते हैं। स्कूल की छत से प्लास्टर गिरता रहता है। बच्चे जब तक स्कूल से घर नहीं आ जाते हम डरे रहते हैं।
सनोथ गांव: बारिश में छत से टपकता है पानी
बाहरी दिल्ली के सनोथ गांव में निगम के दो स्कूल हैं। इन दोनों स्कूलों की इमारत की स्थिति ठीक नहीं है। दोनों स्कूलों में नर्सरी से पांचवी कक्षा तक लगभग 1000 छात्र पढ़ाई करते हैं। एक स्कूल गोदाम के पास की गली में स्थित है। दूसरा मेन बस स्टैंड के पास है। स्थानीय निवासी प्रशांत ने बताया इन स्कूलों में बारिश के समय छत से पानी टपकता रहता है। इमारत की जर्जर हालत के कारण स्कूल की कक्षाओं में छात्रों को न बैठाते हुए उन्हें स्कूल परिसर की गैलरी में बैठाना पड़ता है।
सरोजिनी नगर: दीवार जर्जर, किसी भी दिन हो सकती है धराशायी
सरोजिनी नगर स्थित सरकारी स्कूल की दीवार की हालत बेहद जर्जर है। यह दीवार किसी भी दिन गिर सकती है। इस दीवार के पास से होकर ही छात्र आते-जाते हैं। यहां पढ़ रही कक्षा आठवीं की छात्रा के पिता श्याम सिंह ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले सुनिश्चित करनी चाहिए। बारिश का समय है। तेज बारिश और आंधी के कारण किसी भी दिन दीवार गिर सकती है। विभागों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम हमेशा चिंतित रहते हैं। कई बार बारिश ज्यादा होने पर हम बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजते हैं। अफसरों से शिकायत करने पर आश्वासन मिलता है, लेकिन अब तक मरम्मत के लिए कदम नहीं उठाए गए हैं।
राजधानी के जर्जर स्कूलों में पहले भी हो चुके हैं हादसे
- 17 मई, 2025 : मोतिया खान चौक के पास हरि मंदिर स्कूल की दीवार गिर गई थी, इससे पांच कारें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
- 10 अगस्त, 2024 : दिचाऊं इलाके में भारी बारिश के कारण एक एमसीडी स्कूल की दीवार गिरने से दो लोग घायल हो गए थे।
- 12 अगस्त, 2024 : अशोक नगर में एक सरकारी स्कूल की दीवार गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
- 23 सितंबर, 2023 : पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके में बारिश के दौरान एक स्कूल की दीवार गिरने से 11 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
स्थायी समिति में उठा मुद्दा
वार्ड समिति की बैठकों में स्कूलों की खराब हालत का मुद्दा कई बार पार्षद उठा चुके हैं। 20 जून को नरेला वार्ड समिति की बैठक में भी पार्षदों ने स्कूलों की जर्जर हालत और बारिश के दौरान वहां पानी भरने का मुद्दा उठाया था। स्थायी समिति की 16 जुलाई को हुई बैठक में भी समिति के सदस्यों ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। सदस्यों ने निगम के अधिकारियों से स्कूलों की जर्जर स्थिति और जितने भी स्कूलों के एकीकरण किए गए हैं उन सभी की रिपोर्ट पेश करने की मांग की थी।
अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं, एनओसी रद्द
दिल्ली अग्निशमन विभाग ने हाल ही में मेहराम नगर, गोकुलपुर गांव, कूचा पंडित में एमसीडी स्कूल और नांगलोई स्थित प्रतिभा विद्यालय सहित कई स्कूलों में जांच के दौरान फायर सुरक्षा प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूलों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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