दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सरकारी योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में एक महिला और उसके साथी को गिरफ्ता...
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सरकारी योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में एक महिला और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई आरोपी अनीता उपाध्याय और उसके साथी करुणाकर उर्फ रत्नाकर उपाध्याय पर भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन (आरजीएसएम) के नाम पर देशभर के कारोबारियों से ठगी करने का आरोप है।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों ने आरजीएसएम के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और अलग-अलग राज्यों में कार्यालय खोलकर कारोबारियों को टेंडर दिलाने का झांसा दिया। आरोपी स्कूल यूनिफॉर्म, बैग, मेडिकल किट जैसे सामान की आपूर्ति के नाम पर रजिस्टर्ड करने और करोड़ों के टेंडर दिलाने का लालच देते थे। इसी बहाने उन्होंने दर्जनों कारोबारियों से भारी रकम ठगी। ईओडब्लू को इस मामले में कैप्टन शिवेंद्र सिंह बख्शी, एम के राजेंद्रन, ई कृष्णा राव समेत कई लोगों की शिकायतें मिली थीं। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि इस फर्जीवाड़े में एक मंत्रालय के कर्मचारी की भूमिका भी संदिग्ध है, जो टेंडर प्रक्रिया में लेन-देन का बिचौलिया बना हुआ था। पुलिस मंत्रालय कर्मचारी की भूमिका का पता लगा रही है।
जांच में सामने आया कि रत्नाकर ने आरजीएसएम नाम से वेबसाइट बनाई और अनीता ने आरजीएसएम के नाम से बैंक खाता खोला। आरोपी पीड़ितों से पैसे इस खाते में ट्रांसफर कराते थे। ट्रस्ट के नाम से खुले खाते से रत्नाकर ने 3.5 करोड़ रुपये निकाले, जो निजी खर्च में इस्तेमाल हुए। अनीता इस फर्जी ट्रस्ट की प्रमुख थी और ट्रांजेक्शन की लाभार्थी भी पाई गई। पुलिस को शुरुआती जांच में करोड़ों के सामान की आपूर्ति के साक्ष्य मिले हैं, जिसे ठगों ने खपाने की कोशिश की। पुलिस अब पूरे नेटवर्क, अन्य पीड़ितों की शिकायतों और मंत्रालय कर्मचारी की भूमिका की जांच कर रही है।
ईओडब्लू की अपील
आर्थिक अपराध शाखा ने आम लोगों से किसी भी योजना या टेंडर में निवेश या आवेदन करने से पहले संबंधित सरकारी विभाग या अधिकृत वेबसाइट से पूर्ण जानकारी जरूर प्राप्त करने की अपील की है। नकद भुगतान से बचें और सभी लेनदेन बैंकिंग माध्यमों से करें, जिसकी रसीद सुरक्षित रखें। साथ ही, सरकारी दफ्तरों में जाकर योजनाओं, निविदाओं और संबंधित अधिकारियों की वास्तविक जानकारी जरूर लें, ताकि किसी भी फर्जीवाड़े से बचा जा सके।
छत्तीसगढ़ में पकड़ गए थे
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से पहले दोनों आरोपियों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी आरजीएसएम से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया था। उस केस की जांच अभी भी जारी है। आरोपी करुणाकर उर्फ रत्नाकर उपाध्याय कला स्नातक है और उत्तर प्रदेश, दिल्ली व छत्तीसगढ़ में कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। उस पर दिल्ली में बलात्कार का मामला भी दर्ज है। वहीं, अनीता उपाध्याय विज्ञान स्नातक है और कथित ट्रस्ट आरजीएसएम की प्रमुख रही है। उसे भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसी तरह की ठगी में पकड़ा था।
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