उत्तर प्रदेश के इटावा में पत्नी और मासूम बेटी की निर्मम हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सिविल इंजीनियर चंदन राय चौधरी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट का यह फैसला न केवल न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि समाज को यह भी स्पष्ट संदेश देता है कि अपराध कितना भी सोच-समझकर क्यों न किया गया हो, कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता.
घटना साल 2020 की है, जब अभियुक्त चंदन राय ने मगध एक्सप्रेस में सफर करते समय अपनी पत्नी पोरवी गांगुली और एक वर्षीय बेटी शालिनी को चलती ट्रेन से फफूंद स्टेशन के पास धक्का दे दिया. दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. शुरुआती जांच में यह एक सामान्य हादसा प्रतीत हुआ, लेकिन गहराई से पड़ताल करने पर यह एक योजनाबद्ध हत्या निकली. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे.
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