नोएडा, 11 जून 2025:
नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। समाजसेवी डॉ. रंजन तोमर की आरटीआई से यह खुलासा हुआ है कि प्राधिकरण के पास यह जानकारी तक नहीं है कि 1976 से अब तक उसके कितने पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के खिलाफ एफआईआर या वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज हैं।
डॉ. तोमर ने यह आरटीआई यह जानने के लिए दाखिल की थी कि प्रशासनिक शीर्ष पदों पर बैठे लोग स्वयं कितनी बार कानून के दायरे में आए हैं। लेकिन प्राधिकरण ने जवाब में कहा कि ऐसी कोई जानकारी उसके पास नहीं है।
पूर्व में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट और सुपरटेक घोटाले जैसे मामलों में सीईओ स्तर के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बावजूद इसके प्राधिकरण का यह जवाब चौंकाता है।
डॉ. तोमर ने इस उत्तर को “दाल में कुछ काला” बताया और कहा कि जवाबदेही से बचना लोकतंत्र की भावना के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए यह जानकारी सार्वजनिक होना आवश्यक है।
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