कुशाग्र कनोड़िया हत्याकांड: बेटे के कपड़े नहीं पहुंचे कोर्ट, कपड़े का रंग याद करके फफक पड़ी मां



एक मां के लिए इससे बड़ा दुख कुछ नहीं हो सकता कि वो अपने बच्चे की मौत अपनी आंखों के सामने देखे. कानपुर के छात्र कुशाग्र कनोड़िया का परिवार आज भी कुशाग्र को याद करके फफक पड़ता है. सोमवार को कुशाग्र की मां कोर्ट पहुंची, लेकिन मालखाने से कुशाग्र के कपड़े नहीं आए. इस पर कुशाग्र की मां-बाप और परिवार पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने पहुंचा.


पुलिस कमिश्नर ने उनको भरोसा दिलाया है कि कुशाग्र के कपड़े जल्द कोर्ट में दाखिल किए जाएंगे. कानपुर के कारोबारी मनीष कनोड़िया के 16 वर्षीय बेटा कुशाग्र कनोड़िया ट्यूशन पढ़ने गया था. अक्टूबर 2023 में उसका अपहरण कर लिया गया और हत्या कर दी गई. पुलिस की जांच में पता चला कि कुशाग्र की पुरानी टीचर रचिता, उसके प्रेमी और साथी ने कुशाग्र का पैसों के लिए पहले अपहरण किया. फिर उसकी हत्या कर दी.


बेटे की मौत से टूटा परिवार


अपने बेटे की मौत से कनोड़िया परिवार पूरी तरह से टूट गया. बेटे की यादें इस कदर पीछा करती थीं कि आखिरकार साल 2024 में परिवार ने कानपुर छोड़ दिया और सूरत शिफ्ट हो गए. अभी भी यह मामला कोर्ट में चल रहा है. परिवार को सूरत से आकर मुश्किलों में पैरवी करनी पड़ती है, लेकिन उनका बस एक ही लक्ष्य है कि उनके बेटे के कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. सोमवार को कुशाग्र के माता पिता और चाचा सुमित कनोड़िया कानपुर पहुंचे.


मालखाने के सिपाही का हुआ ट्रांसफर


उन्होंने बताया कि कुशाग्र के कपड़ों की पहचान करनी है. इसके लिए कपड़े मालखाने से अभी तक नहीं आए हैं. उन्होंने बताया कि मालखाने के सिपाही का गाजियाबाद ट्रांसफर हो गया है और उसने चार्ज नहीं दिया है. इस बात को लेकर कुशाग्र का परिवार पुलिस आयुक्त से मिला. परिजनों के अनुसार, पुलिस आयुक्त ने जल्द से जल्द कपड़े कोर्ट में भिजवाने का आश्वासन दिया है.


वहीं कुशाग्र की मां से जैसे ही कपड़ों की बात पूछी तो उन्होंने कपड़ों का रंग बताया और फिर फफक कर रोने लगी. परिजनों को उम्मीद है कि इस मामले में उनको जल्द से जल्द न्याय मिलेगा.




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