उत्तर-पश्चिम दिल्ली के निठारी गांव में छह सरकारी स्कूल पिछले एक हफ्ते से घुटनों तक भरे पानी से जूझ रहे हैं। स्कूल परिसर तालाब बन चुके हैं,...
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के निठारी गांव में छह सरकारी स्कूल पिछले एक हफ्ते से घुटनों तक भरे पानी से जूझ रहे हैं। स्कूल परिसर तालाब बन चुके हैं, जिसके चलते सैकड़ों छात्रों की पढ़ाई छूट रही है। ऐसे में इन स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला लिया गया है।
बाढ़ ने बंद कर दिए स्कूल
शिक्षा निदेशालय (DoE) ने माना है कि इस बार मॉनसून में जलभराव की स्थिति और बिगड़ गई है। खराब ड्रेनेज सिस्टम, आसपास के तालाब और स्कूलों की निचली जमीन इसकी वजह हैं। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'स्कूलों के अंदर और बाहर पानी भरा है। यहां पढ़ाना या आना-जाना खतरनाक हो गया है।' फिलहाल, स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
उप निदेशक की एक सूचना के मुताबिक, यह समस्या 2020 से चली आ रही है। हर साल करीब 14,000 छात्रों की पढ़ाई इस जलभराव से प्रभावित होती है। स्कूलों के परिसर और कक्षाओं में पानी जमा हो रहा है, जिसकी वजह ऊंचे भूजल स्तर और असमान सड़कें हैं। एक स्कूल कर्मचारी ने बताया कि पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में स्कूल की क्लासेस कीचड़ और पानी से भरी हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई का बोझ, लेकिन संसाधन नहीं
शिक्षा कार्यकर्ता और वकील अशोक अग्रवाल ने एक्स पर वीडियो साझा किए, जिनमें स्कूलों के गेट पानी में डूबे दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार से स्कूल बंद हैं। अशोक ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हर साल ये समस्या नजरअंदाज की जाती है। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन ज्यादातर के पास न तो स्मार्टफोन है और न ही इंटरनेट।
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
निठारी के अभिभावक इस स्थिति से हताश हैं। एक पिता, जिनके 14 और 17 साल के बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं ने कहा, "पिछले कई दिनों से बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। मिड-टर्म टेस्ट नजदीक हैं और बारिश के चलते शायद अब ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़े। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की तैयारी पूरी नहीं हो पाती।"
शाहीन, जिनका बेटा नदीम 10वीं कक्षा में है, ने बताया, "पास के तालाब का पानी मॉनसून में पूरे इलाके में भर जाता है। पिछले पांच साल से यही हाल है। सड़कें और स्कूल डूब जाते हैं, नालियां काम नहीं करतीं और सांप तक दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई से कुछ तो मदद मिलती है, लेकिन असल में स्कूल जैसा कुछ नहीं।"
इस मामले में राजनीति शुरू
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "2020 में AAP ने एक स्थानीय तालाब को कंक्रीट से पाट दिया, तभी से यह संकट शुरू हुआ। उस वक्त सत्ता में कौन था?" उन्होंने जांच का वादा किया। वहीं, AAP ने पलटवार करते हुए बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया। AAP के प्रवक्ता ने कहा, "बीजेपी की चार-इंजन वाली सरकार काम करने में रुचि नहीं लेती। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में स्कूलों में जलभराव का एक भी मामला नहीं हुआ। आज बीजेपी के राज में लुटियंस दिल्ली तक के स्कूलों में पानी रिस रहा है।"
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