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दिल्लीवालों को मिलेगी जाम से राहत, बनेंगे ये नए फ्लाईओवर; जल्द शुरू होगा सर्वे

 दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर मोदी मिल और सावित्री सिनेमा चौराहों पर जल्द ही नए फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने वाला है। लोक निर्माण विभाग (PWD...


 दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर मोदी मिल और सावित्री सिनेमा चौराहों पर जल्द ही नए फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने वाला है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए मिट्टी की जांच और भू-तकनीकी सर्वे शुरू करने की घोषणा की है। यह 412 करोड़ रुपये की परियोजना दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में ट्रैफिक की समस्या को कम करने का एक बड़ा कदम साबित होगी।


फ्लाईओवर का नया कॉरिडोर


इस परियोजना का लक्ष्य सावित्री सिनेमा और कालकाजी फ्लाईओवर को दोहरीकरण करना है, साथ ही मोदी मिल फ्लाईओवर से एक नया एलिवेटेड स्ट्रेच जोड़कर बाहरी रिंग रोड पर एक सतत फ्लाईओवर कॉरिडोर बनाना है। इससे चित्तरंजन पार्क, ग्रेटर कैलाश, चिराग दिल्ली, कालकाजी और नेहरू प्लेस जैसे इलाकों में यातायात सुगम हो सकेगा। फिलहाल चिराग दिल्ली फ्लाईओवर से ट्रैफिक तीन दिशाओं में बंटता है, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बनती है।

मिट्टी की जांच से शुरुआत


पीडब्ल्यूडी ने बताया कि निर्माण शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच और भू-तकनीकी सर्वे किए जाएंगे। इसके लिए गहरे बोरहोल खोदकर मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे, ताकि फ्लाईओवर की नींव के लिए सुरक्षित वहन क्षमता और उपयुक्त डिजाइन का निर्धारण हो सके। एक अधिकारी ने कहा कि हम सभी जरूरी मंजूरी लेने के बाद ही निर्माण शुरू करेंगे, ताकि प्रोजेक्ट में देरी न हो।


अभी कुछ मंजूरी बाकी


यह प्रोजेक्ट केंद्रीय सड़क निधि (CRF) से दिल्ली के लिए आवंटित 1 हजार करोड़ रुपये के बजट से पूरी की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की मंजूरी जरूरी है। अगर अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ी, तो PWD इसके लिए अनुरोध कर सकता है। प्रोजेक्ट को अप्रैल 2025 में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने हरी झंडी दी थी, हालांकि इसे 2015 में प्रस्तावित किया गया था और फंडिंग, जमीन अधिग्रहण और पेड़ कटाई की अनुमति जैसे मुद्दों के कारण यह सालों तक अटकी रही।


ट्रैफिक डायवर्जन और चुनौतियां


निर्माण के दौरान बाहरी रिंग रोड पर ट्रैफिक डायवर्जन की जरूरत पड़ेगी, जिससे इस व्यस्त सड़क पर भीड़ बढ़ सकती है। पीडब्ल्यूडी का लक्ष्य है कि सभी प्रारंभिक कार्य पूरे कर लिए जाएं, ताकि निर्माण शुरू होने के बाद अनुमतियों के अभाव में रुकावट न आए। इसके अलावा, मोदी मिल के पास कुछ निजी संपत्तियों के अधिग्रहण की भी जरूरत होगी।

 

सिग्नल-मुक्त कॉरिडोर का सपना


यह परियोजना PWD के उस बड़े प्लान का हिस्सा है, जिसके तहत सराय काले खां से मालवीय नगर तक एक सिग्नल-मुक्त कॉरिडोर बनाया जाएगा। मौजूदा सावित्री फ्लाईओवर, जो 2001 में बना था और 1.5 किमी लंबा है, को दोनों दिशाओं में दो-लेन का किया जाएगा। साथ ही, मोदी मिल फ्लाईओवर से एक नया एलिवेटेड हिस्सा जोड़ा जाएगा।


कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?


अधिकारियों के मुताबिक, निर्माण कार्य में कम से कम एक साल लगेगा, बशर्ते सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि वे इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सके।




 
 

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