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नीतीश कटारा के हत्यारे को रिहा करने का SC का आदेश, मां बोली- ये न्याय की विफलता

 नीतीश कटारा हत्याकांड में सजा काट रहे तीन दोषियों में से एक सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की रिहाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, जिसने नीतीश ...



 नीतीश कटारा हत्याकांड में सजा काट रहे तीन दोषियों में से एक सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की रिहाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, जिसने नीतीश की मां नीलम कटारा को गहरे सदमे में डाल दिया है। लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली नीलम ने इसे 'न्याय की विफलता' करार दिया है।

'20 साल बाद भी सजा पूरी नहीं हुई'


एनडीटीवी को नीलम कटारा के बताया, "मैं इस बात से सहमत हूं कि अगर किसी की सजा पूरी हो गई है, तो उसे रिहा कर देना चाहिए। लेकिन सुखदेव की सजा अभी पूरी नहीं हुई है।" उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'हैरान करने वाला' और 'अनुचित' बताया। नीलम ने कहा कि यह फैसला पक्षपातपूर्ण है और यही बात सबसे ज्यादा दुख देती है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और विवाद


सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई को सुखदेव की रिहाई का आदेश दिया था और सोमवार को इसका विस्तृत आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि जिन दोषियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए, बिना किसी समीक्षा या विशेष आदेश के। हालांकि, आजीवन कारावास की सजा पाने वालों को, जिन्हें जिंदगी भर जेल में रहना है, सजा माफी के लिए सेंटेंस रिव्यू बोर्ड का आदेश जरूरी होगा।

 

विवाद का मुख्य बिंदु सुखदेव की सजा की अवधि है। सुखदेव को 20 साल की निश्चित अवधि की आजीवन कारावास की सजा मिली थी, जो 9 मार्च को पूरी हो चुकी थी। लेकिन सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने उनके जेल में व्यवहार के आधार पर रिहाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद सुखदेव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां उन्हें पहले फरलो दी गई और फिर रिहाई का आदेश मिला।


नीलम कटारा का दर्द


नीलम कटारा ने बताया कि सजा को गलत तरीके से समझा गया है। उन्होंने कहा, "यह कोई निश्चित अवधि की सजा नहीं थी। सजा में साफ लिखा था- आजीवन कारावास, जिसमें 20 साल तक माफी नहीं मिलेगी। 20 साल बाद सेंटेंस रिव्यू बोर्ड को यह तय करना था कि उसे रिहा किया जाए या नहीं।" बोर्ड ने सुखदेव को समाज में वापस लौटने के लिए तैयार नहीं माना, क्योंकि जेल में उनके व्यवहार में कई खामियां थीं।

 

नीलम ने बताया कि निचली अदालत ने उनके बेटे के हत्यारों को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया। हाई कोर्ट में सजा को और सख्त करते हुए सुखदेव के लिए 20 साल तक माफी से इनकार की शर्त जोड़ी गई थी। नीलम ने कहा कि हाई कोर्ट ने सजा को साधारण आजीवन कारावास से बदलकर 20 साल तक बिना माफी के आजीवन कारावास किया था।


नीतीश कटारा हत्याकांड: क्या थी कहानी?


2002 में 23 साल के नीतीश कटारा को अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इसका कारण थी उनकी प्रेम कहानी, जो पूर्व राज्यसभा सांसद डीपी यादव की बेटी भारती यादव के साथ थी। इस हत्याकांड में भारती के भाई विकास यादव, उनके चचेरे भाई विशाल और सुखदेव यादव को दोषी ठहराया गया था। अक्टूबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने सुखदेव को 20 साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि विकास और विशाल को 25 साल की सजा दी गई थी, जिसमें फरलो का कोई प्रावधान नहीं था।




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