लगभग दो हजार पुलिस अधिकारी अदालतों में रोज देते हैं गवाही नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली के सभी 226 पुलिस थानों को अब पुलिसकर्मियों की ...
लगभग दो हजार पुलिस अधिकारी अदालतों में रोज देते हैं गवाही नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली के सभी 226 पुलिस थानों को अब पुलिसकर्मियों की गवाही के लिए नामित स्थल घोषित कर दिया गया है, जहां से वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में बयान दे सकेंगे। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे पुलिसकर्मियों को विभिन्न मामलों में अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधनों की बड़ी बचत होगी। इससे पहले साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा केवल दिल्ली उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, दिल्ली की जेलों, अस्पतालों और फोरेंसिक साइंस लैब तथा कुछ सरकारी कार्यालयों में ही उपलब्ध थी।
उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा प्राप्त जानकारी में कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण कदम से दिल्ली पुलिस का विभिन्न अदालतों में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा, साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विभिन्न मामलों से निपटने वाले पुलिस अधिकारियों को अब यात्रा करने और अदालती कार्यवाही में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गवाही देने से समय और संसाधन की काफी बचत होगी। यह प्रमुख सुधार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ड्राफ्ट मॉडल नियमों (न्याय श्रुति) के तहत किया गया है, जिसमें पुलिस कर्मियों अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही या बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशनों को निर्दिष्ट स्थान के रूप में शामिल करने की सिफारिश की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में, पुलिस और अदालतों के बीच सुचारू कामकाज और उचित समन्वय सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं स्थापित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि किसी भी मामले में पुलिस स्टेशनों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा केवल पुलिस कर्मियों या अधिकारियों के लिए ही होनी चाहिए और अन्य गवाहों की पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गवाही नहीं होनी चाहिए। इसके बाद ही, दिल्ली पुलिस ने सभी 226 पुलिस थानों को निर्दिष्ट स्थान के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद इस आशय का एक प्रस्ताव दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा उपराज्यपाल को भेजा गया था। इस अधिसूचना के साथ, दिल्ली के निम्नलिखित पुलिस थानों का उपयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही के लिए किया जाएगा- -प्रादेशिक पुलिस स्टेशन - 179 - मेट्रो पुलिस स्टेशन - 16 - साइबर पुलिस स्टेशन - 15 - रेलवे पुलिस स्टेशन - 08 - अपराध शाखा - 02 - आईजीआई हवाई अड्डा - 02 - आर्थिक अपराध शाखा 01 - स्पेशल सेल - 01 - महिलाओं के विरुद्ध अपराध प्रकोष्ठ 01 - सतर्कता - 01 लगभग दो हजार पुलिस अधिकारी अदालतों में रोज देते हैं गवाही दिल्ली पुलिस के अनुमान के अनुसार, औसतन लगभग 2000 पुलिस अधिकारी प्रतिदिन विभिन्न अदालतों में गवाही देते हैं, जिसके लिए उन्हें अपनी ड्यूटी के दौरान यात्रा कर अदालतों में जाना होता है। बताया जा रहा है कि इस कदम से पुलिस कर्मियों अधिकारियों, जिनमें जांच अधिकारी, ऐसे अधिकारी जो आपराधिक मामलों के गवाह हैं, और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हैं, के लिए साक्ष्य या बयान देने के लिए अदालतों में व्यक्तिगत उपस्थिति की वर्तमान आवश्यकता में बदलाव आएगा। इस कदम से पुलिसकर्मियों का अदालतों में पेशी में लगने वाले समय की बचत तो होगी ही, साथ ही पुलिस के समग्र कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ेगी।
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