ग्रेटर नोएडा के सड़क हादसे में चार दोस्तों की मौत के मामले में मृतकों के परिजन और दोस्तों का आरोप है कि हादसे की सूचना मिलने के आधे घंटे बा...
ग्रेटर नोएडा के सड़क हादसे में चार दोस्तों की मौत के मामले में मृतकों के परिजन और दोस्तों का आरोप है कि हादसे की सूचना मिलने के आधे घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। चारों को मृत मानकर बेतरतीब तरीके से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। दावा है कि तीन युवकों की सांस चल रही थी। यदि एंबुलेंस सही समय पर पहुंचती तो उनकी जान बच सकती थी।
कुलेसरा निवासी शिवम का कहना है कि हादसे बाद वह घटना स्थल के पास से गुजर रहे थे। उन्होंने मौके पर भीड़ को देखा तो वह रुक गए। वहां चार लड़के लहूलुहान अवस्था में सड़क पर पड़े थे। सभी लोग एंबुलेंस का बेसर्बी से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वहां एंबुलेंस पहुंची तो लोगों ने कहा कि सूचना देने के करीब आधे घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची है। तभी उन्होंने चोरों को उठवाकर एंबुलेंस में रखवाया।
शिवम का दावा है कि चारों को मृत मानकर एक ही एंबुलेंस में एक के ऊपर दूसरे को लिटा दिया गया। खून से लथपथ युवकों के इधर-उधर लटके हुए थे। उनका दावा है कि जब वह उठाकर उन्हें एंबुलेंस में रखवा रहे थे तो तीन की सांसें चल रही थीं। सुमित और लवकुश के दोस्त लक्ष्य का कहना है कि सिर्फ सुमित की मौके पर मौत हो गई थी। लवकुश, रिहान और मोनू ठाकुर की सांसें चल रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदार लोग चारों को लेकर 15 से 20 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यदि उन्हें नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया जाता तो आज तीनों जिंदा होते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चारों को मृत मानते हुए एंबुलेंस में लाद दिया गया। वहीं, चारों युवकों के परिजन का कहना है कि एक पल में उनके बच्चों को कार चालक ने मौत की नींद सुला दिया। आरोपी कार चालक के खिलाफ पुलिस-प्रशासन सख्त कार्रवाई करे । पुलिस ने बताया कि कार चलाने वाला आरोपी निक्की त्यागी कुलेसरा गांव का ही रहने वाला है। वह भवन निर्माण सामग्री बेचने का काम करता है।
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