यह बदलाव एक अगस्त के बाद खोले गए सभी नए खातों पर लागू होगा नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बच...
यह बदलाव एक अगस्त के बाद खोले गए सभी नए खातों पर लागू होगा नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बचत खातों के लिए न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि (एमएबी) में बड़ा इजाफा कर इसे 50 हजार रुपये कर दिया है। यह बदलाव एक अगस्त के बाद खोले गए सभी नए खातों पर लागू होगा। आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए 31 जुलाई, 2025 तक बचत बैंक खातों में न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि 10 हजार रुपये थी। इसी प्रकार, आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अर्ध-शहरी इलाकों में यह सीमा 25,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 10,000 रुपये कर दी गई है।
अगर खाताधारक तय एमएबी नहीं रख पाते, तो उन्हें कमी की राशि का छह प्रतिशत या 500 रुपये (जो भी कम हो) जुर्माने के रूप में देना होगा। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बचत खाते में जमा रकम पर सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। यह नया नियम एक अगस्त 2025 के बाद खोले गए खातों पर लागू होगा। एमएबी में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने जुर्माने को या तो तर्कसंगत बना दिया है या पूरी तरह से माफ कर दिया है। - इन्हें छूट मिलेगी एक अगस्त से पहले खोले गए बच खातों पर यह नियम लागू नहीं होगा। इसके अलावा, सैलरी अकाउंट, प्रधानमंत्री जनधन खाते और बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट धारकों को इस नियम से छूट मिलेगी, क्योंकि ये जीरो बैलेंस खाते हैं। - नियम मानने वालों को मिलेंगी सुविधाएं जिन ग्राहकों के खाते में तय सीमा से ज्यादा राशि होगी, उन्हें कुछ खास सुविधाएं मिलेंगी। इनमें मुफ्त एनईएफटी धन हस्तांतरण और महीने में तीन बार मुफ्त नकद लेनदेन शामिल हैं। इसके बाद हर नकद लेनदेन पर 150 रुपये का शुल्क लगेगा। इन सभी शुल्कों पर जीएसटी भी देना होगा।
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