राजधानी में युवा उद्यमी तैयार करने और रोजगार मुहैया कराने के लिए दिल्ली सरकार पांच हजार नए स्टार्टअप को मदद देगी। इन स्टार्टअप को न सिर्फ व...
राजधानी में युवा उद्यमी तैयार करने और रोजगार मुहैया कराने के लिए दिल्ली सरकार पांच हजार नए स्टार्टअप को मदद देगी। इन स्टार्टअप को न सिर्फ वित्तीय सहायता, बल्कि फिक्की, सीआईआई जैसे बड़े औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर स्टार्टअप को मार्गदर्शन भी दिलाया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इसके लिए नई स्टार्टअप नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति के तहत सरकार का फोकस स्टार्टअप को निवेश और ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने पर होगा। दिल्ली सरकार की नई स्टार्टअप नीति के तहत महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
यह नीति 10 साल के लिए लागू की जाएगी और इसके तहत 2025 से 2035 तक पांच हजार स्टार्टअप को मदद देकर उन्हें न सिर्फ खड़ा करना है बल्कि यूनिकॉर्न बनाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इसका मकसद राजधानी के लिए न सिर्फ नवाचार पर आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है, बल्कि दिल्ली को स्टार्टअप का वैश्विक हब बनाना भी है।
दिल्ली उद्योग विभाग ने इस स्टार्टअप नीति का मसौदा तैयार किया है और इस पर उद्यमियों, विशेषज्ञों और आम लोगों से तीन सितंबर तक सुझाव और आपत्तियां मांगे हैं।
दिल्ली में शुरू होने वाले स्टार्टअप को इस नई नीति के तहत लीज किराये से लेकर कई अन्य मदों में आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। पॉलिसी के मुताबिक, मान्यता प्राप्त को-वर्किंग स्पेस के लिए लीज किराये का भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है।
ऐसे कर सकेंगे आवेदन
स्टार्टअप नीति को लागू कराने के लिए दिल्ली उद्योग विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी स्टार्टअप पोर्टल डेवलप कराएगी। इसके बाद पॉलिसी के मानकों को पूरा करने वाले स्टार्टअप दिल्ली सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा कराने होंगे। इसके बाद नोडल एजेंसी के अधिकारी आवेदन की स्क्रूटनी करेंगे और उद्योग विभाग के विशेष आयुक्त की अध्यक्षता में बनीं स्टार्टअप टास्क फोर्स के पास भेज देंगे। स्टार्टअप टास्क फोर्स से स्वीकृति मिलने के बाद आवेदक को स्टार्टअप पोर्टल के माध्यम से आवेदन की स्वीकृति की सूचना दे दी जाएगी। अस्वीकृति की स्थिति में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह निर्णय आवेदन के 30 दिन के भीतर जारी कर दिया जाएगा।
इन प्रमुख क्षेत्रों में शुरू कर सकेंगे स्टार्टअप
● स्वास्थ्य सेवाएं
● हॉस्पिटेलिटी
● रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
● ऑटोमोटिव (ई-वाहन, स्वचालित कारें और कनेक्टेड वाहन)
● फिनटेक-वित्तीय सेवा संस्थान
● ई-कचरा प्रबंधन और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन।
● आईटी एवं आईटीईएस
● कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)
● मशीन लर्निंग
● सॉफ्टवेयर सर्विस
● जैव प्रौद्योगिकी
● ड्रोन व गेमिंग आदि
● रोबोटिक्स और ऑटोमेशन
● हरित प्रौद्योगिकी
● बायो-फार्मा और चिकित्सा उपकरण
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