साइबर अपराधी माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर ब्लू टिक दिलाने और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर फॉलोअर बढ़ाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। गाजियाबाद मे...
साइबर अपराधी माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर ब्लू टिक दिलाने और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर फॉलोअर बढ़ाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। गाजियाबाद में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। ठगी की रकम कम होने के चलते लोग शिकायत नहीं कर रहे। इसे लेकर पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है।
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, रील बनाने का सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है, लेकिन कोरोना काल के बाद से रील बनाना लोगों की आदत में शुमार हो गया है। हर उम्र के लोग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर अपने फॉलोअर्स बढ़ाने और अपनी रील के व्यूज बढ़ाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। साइबर अपराधियों ने लोगों की इस लत का फायदा उठाकर ठगी का जाल फैला दिया है। साइबर अपराधी लोगों को एकमुश्त रकम के बदले ‘एक्स’ पर स्थायी ब्लू टिक दिलाने और फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर फॉलोअर्स की अच्छा खासी संख्या बढ़ाने का दावा कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, साइबर अपराधी सोशल प्लेटफार्म पर प्रसिद्धि पाने वाले तथा रील बनाने वाले लोगों को निशाना बनाकर उनसे रकम ऐंठ रहे हैं।
अकाउंट हैकिंग सर्विस के नाम पर झांसे में ले रहे : साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों को झांसे में लेने के लिए साइबर अपराधी खुद को हैकर बताते हैं और फॉलोअर्स बढ़ाने की प्रक्रिया को अकाउंट हैकिंग सर्विस का नाम दे रहे हैं। जालसाज दावा करते हैं कि उनके पास सोशल प्लैटफॉर्म के सिस्टम को हैक करने का फॉर्मूला है, जिसके जरिये वह किसी भी इंस्टाग्राम या फेसबुक अकाउंट के फॉलोअर्स बढ़ा सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि साइबर अपराधी इस काम के बदले में अधिक रकम नहीं लेते, जिसके चलते लोग झांसे में आ जाते हैं और रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
सोशल मीडिया सर्विस के नाम से भी कर रहे धोखाधड़ी : अकाउंट हैकिंग सर्विस के अलावा सोशल मीडिया सर्विस के नाम से भी जालसाज धोखाधड़ी कर रहे हैं। वह महज 799 रुपये में फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट अकाउंट हैक करने का दावा कर रहे हैं, जबकि वॉट्सऐप हैक करने के बदले में 850 रुपये मांग रहे हैं।
एक ने 35 हजार तो दूसरे ने साढ़े सात हजार रुपये गंवाए
राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले बीटेक के छात्र विभु सिंघल ने इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स करने के नाम पर 35 हजार रुपये गंवा दिए। जालसाजों ने शुरुआत में साढ़े तीन हजार रुपये ट्रांसफर कराए। इसके बाद भी फॉलोअर्स न बढ़ने पर ठगों ने प्रक्रिया बताते हुए और रकम ट्रांसफर करा ली। वहीं, कविनगर बी-ब्लॉक में रहने वाले सिद्धार्थ शर्मा ने इंस्टाग्राम पर एक लाख फॉलोअर्स बढ़ाने के चक्कर में पहले डेढ़ हजार रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद जालसाजों ने छह हजार रुपये और ट्रांसफर कराए। इसके बाद भी फॉलोअर्स नहीं बढ़े तो पीड़ित को ठगी का पता चला।
खाता संबंधी जानकारी साझा न करें
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि ब्लू टिक या फॉलोअर्स बढ़ाने के चक्कर में लोग न सिर्फ रकम गवां सकते हैं, बल्कि विज्ञापन में दिए लिंक को क्लिक करके वह मोबाइल का एक्सेस ठगों के हाथ में पहुंचा सकते हैं। इसके बाद जालसाज मोबाइल के डेटा का दुरुपयोग कर खाता खाली कर सकते हैं। रील बनाने के चलन के बीच साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। इस तरह से ठगी के कुछ मामले सामने आए हैं, इसे लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। लोगों से अपील है कि वह इस तरह विज्ञापनों पर कोई प्रतिक्रिया न दें। किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें और खाता संबंधी जानकारी साझा न करें।
फॉलोअर बढ़ाने के अलग-अलग रेट
जालसाज 99 रुपये में 800 फॉलोअर्स, 299 रुपये में पांच हजार, 449 रुपये में 10 हजार, 749 रुपये में 20 हजार, 999 रुपये में 50 हजार,1499 रुपये में एक लाख,-2249 रुपये में पांच लाख , 3649 रुपये में दस लाख फॉलोअर बनाने का दावा करते हैं। वहीं, 599 रुपये में ‘एक्स’ पर आजीवन ब्लू टिक 5999 रुपये में इंस्टाग्राम पेमेंट शुरू कराने की बात कहकर लोगों को झांसा देते हैं।
यहां शिकायत करें
ठगी होने के 24 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1930 या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime .gov.in पर शिकायत अवश्य दर्ज कराएं। इससे राशि फ्रीज कराने में आसानी होगी।
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