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MCD कबूतरों को दाना डालने से रोकने के लिए एडवाइजरी जारी करेगा, क्या वजह बताई

 दिल्ली नगर निगम आधिकारिक तौर पर लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना न डालने का अनुरोध कर सकता है। नगर निगम अगले दो हफ्तों में इसे...



 दिल्ली नगर निगम आधिकारिक तौर पर लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना न डालने का अनुरोध कर सकता है। नगर निगम अगले दो हफ्तों में इसे लेकर एक एडवाइजरी जारी करेगा। एमसीडी ने ऐसा करने के पीछे वजह भी बताई है।

एक अधिकारी के अनुसार, नगर निगम अगले दो हफ्तों में कबूतरों को दाना न डालने को लेकर एक एडवाइजरी जारी करेगा। अधिकारी ने बताया कि यह कदम कबूतरों के मल के लंबे समय तक संपर्क में रहने से होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों की चिंताओं के बाद उठाया गया है।

एडवाइजरी में सड़कों, फुटपाथों, ट्रैफिक आइलैंड, बालकनियों और छतों पर कबूतरों को दाना न डालने के लिए जनता से सहयोग का अनुरोध किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल हमें नहीं लगता कि सख्ती से लागू करने की जरूरत है। लेकिन, अगर समस्या बनी रहती है तो हम भविष्य में अतिरिक्त उपायों पर विचार कर सकते हैं।

 

यह कदम इस मुद्दे की न्यायिक जांच की पृष्ठभूमि में उठाया जाएगा। इस साल की शुरुआत में एनजीटी ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी को एक याचिका पर नोटिस जारी किया था। इसमें बताया गया था कि कैसे कबूतरों के दाना डालने वाले स्थानों पर सफाई के दौरान मल धूल में मिल जाता है और निमोनिया और सांस से जुड़ी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है।


डॉक्टरों का कहना है कि कबूतरों की बीट में बैक्टीरिया और फफूंद हो सकते हैं जो गंभीर एलर्जी, फेफड़ों में संक्रमण और फाइब्रोसिस जैसी सांस की बीमारियों का कारण बन सकते हैं। हालांकि, दिल्ली में अभी तक कबूतरों से जुड़े किसी भी पुष्ट प्रकोप की सूचना नहीं मिली है।

 

अधिकारी ने आगे कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि वे अपने स्वास्थ्य के लिए कबूतरों को खाना न खिलाएं और पक्षियों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करें। आगे की कोई भी कार्रवाई आने वाले महीनों में स्थिति पर निर्भर करेगी।




 
 

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