दिल्ली सरकार कनॉट प्लेस और खान मार्केट राजधानी के दो दर्जन से अधिक प्रमुख स्थानों पर धूल प्रदूषण से निपटने के लिए एक चरणबद्ध योजना के तहत ज...
दिल्ली सरकार कनॉट प्लेस और खान मार्केट राजधानी के दो दर्जन से अधिक प्रमुख स्थानों पर धूल प्रदूषण से निपटने के लिए एक चरणबद्ध योजना के तहत जल्द ‘मिस्ट स्प्रेयर’ लगाएगी। यह मिस्ट स्प्रेयर बिजली के खंभों पर लगाए जाएंगे। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल के तहत 24 सड़कों और भीड़भाड़ वाले कई अन्य क्षेत्रों को कवर किया जाएगा जिस पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी तथा इसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राजधानी में धूल प्रदूषण के प्रभाव को कम करना है।
अधिकारी के अनुसार, परियोजना के पहले चरण के तहत, सरकार की निकाय एजेंसी बाराखंभा रोड, फिरोजशाह रोड, सिकंदरा रोड और भगवान दास रोड सहित 10 प्रमुख सड़कों पर धूल से निपटने के लिए ‘मिस्टिंग सिस्टम’ लगाने की योजना बना रही है। पहले चरण के तहत सबसे लंबे मार्गों में मंदिर मार्ग, तिलक मार्ग और सुब्रमण्यम भारती मार्ग शामिल हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, ‘‘यह विस्तार अगले तीन-चार महीनों में सर्दियों की शुरुआत से पहले पूरा हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सरकार राजधानी में निवासियों के लिए जहरीले वायु प्रदूषण को कम करने के वास्ते हरसंभव प्रयास कर रही है। हमने यह भी निर्देश दिया है कि सभी चिह्नित ‘हॉटस्पॉट्स’ में काम किया जाए।’’
परियोजना के दूसरे चरण में शाहजहां रोड, अरबिंदो मार्ग, मदर टेरेसा क्रीसेंट और अशोक रोड सहित 14 अतिरिक्त सड़कें शामिल होंगी।
‘मिस्टिंग सिस्टम’ के तहत ‘नोजल’ के माध्यम से पानी की एक महीन फुहार का छिड़काव होता है जिससे आसपास की हवा ठंडी होती है और इसमें मौजूद धूलकण दब जाते हैं। इससे तापमान में सुधार होता है और बेहतर वायु गुणवत्ता बेहतर होती है।
जुलाई में 29 दिन वायु गुणवत्ता संतोषजनक : सिरसा
वार्ता के अनुसार, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए और इसका परिणाम है कि जुलाई में 31 में से 29 दिन ‘गुड’ या ‘संतोषजनक’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता दर्ज हुई।
सिरसा ने कहा “हमने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी टीमें 24X7 जमीन पर काम कर रही हैं। वन महोत्सव से हरियाली बढ़ाने, धूल नियंत्रण, ऑटोमैटिक मिस्टिंग, मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग और कचरे के पहाड़ हटाने के लिए बायो-माइनिंग तक, हर कदम असरदार परिणाम दे रहा है।” उन्होंने कहा कि यह सुधार केवल मौसम का असर नहीं, बल्कि तकनीक आधारित योजनाओं को लागू करने का नतीजा है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा “दिल्ली की साफ हवा इस जुलाई में कोई संयोग नहीं; यह नीति, प्रवर्तन और टीमवर्क का परिणाम है। हमने ऐसे सिस्टम बनाए हैं, जो पूरे साल काम करते हैं, जिससे यह प्रगति टिकाऊ बनी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि जुलाई में 31 में से 29 दिन ‘गुड’ या ‘सैटिस्फैक्ट्री’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता दर्ज हुई। यह पिछले कई दशकों की सबसे स्वच्छ जुलाई है, जिसने वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई में नया मानक स्थापित किया। आज का दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 है और ज्यादातर हॉटस्पॉट भी ‘गुड’ या ‘सैटिस्फैक्ट्री’ श्रेणी में दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में दिल्ली और अधिक साफ हवा में सांस लेगी।
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