इन दिनों देश भर में मानसून अपना विकराल रूप दिखा रहा है. पहाड़ों पर बारिश ने तबाही मचाई हुई है. मैदानी इलाकों में भी बारिश ने जनजीवन अस्त व्...
इन दिनों देश भर में मानसून अपना विकराल रूप दिखा रहा है. पहाड़ों पर बारिश ने तबाही मचाई हुई है. मैदानी इलाकों में भी बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर रखा है. फिर चाहे वो राजस्थान हो या पंजाब. पंजाब में मूसलाधार बारिश के बीच बांधों से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. बरसात और बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से पंजाब में हालात बदतर होते जा रहे हैं.
राज्य में हजारों एकड़ जमीन, फसलें, नदियों के किनारे बसे गांव पानी में डूब गए हैं. सड़कें बह गई हैं. इस कारण वजह से कई गांवों का संपर्क कट चुका है. लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुुए हैं. ऐसे में लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. बीते 24 घंटे में पौंग बांध और रणजीत सागर बांध का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया.
3 नागरिकों के साथ 22 CRPF जवानों का रेस्क्यू
राज्य में बेकाबू हालातों को पंजाब पुलिस के साथ सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. भारतीय सेना ने बताया कि मंगलवार से माधोपुर हेडवर्क्स (पंजाब) के पास एक इमारत में फंसे तीन नागरिकों के साथ 22 सीआरपीएफ जवानों को निकाला गया.
आज सुबह 6 बजे, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बचाव कार्य के लिए आर्मी एविएशन हेलीकॉप्टरों को उतारा गया. फिर फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. फिर सुरक्षित स्थान पर लाया गया. भारतीय सेना ने बताया कि जिस इमारत में तीन नागरिकों के साथ जो 22 सीआरपीएफ जवान फंसे थे, उनको निकालने के बाद वो तुरंत बाद ढह गई.
अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
यह सफल ऑपरेशन एक बार फिर भारतीय सेना की जीवन की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और संकट की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता को दर्शाता है. भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों के बीच तालमेल ने सुनिश्चित किया कि एक संभावित त्रासदी टल गई. फिलहाल पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं.
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