उत्तर प्रदेश के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सपा सांसद डिंपल यादव पर की गई अश्लील टिप्पणी को लेकर अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाय...
उत्तर प्रदेश के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सपा सांसद डिंपल यादव पर की गई अश्लील टिप्पणी को लेकर अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाया है। मौलाना साजिद रशीदी द्वारा डिंपल यादव के खिलाफ अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में लोनी विधायक नंद किशोर गर्जर ने सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में गुर्जर ने इस मामले में अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाया है।
गुर्जर ने शिवपाल यादव को संबोधित करते हुए लिखा कि इस चिट्ठी के माध्यम से आपका ध्यान हाल ही में मौलाना साजिद रशीदी द्वारा आपकी पार्टी की सांसद एवं पुत्रवधु डिंपल यादव जी पर अश्लील एवं घोर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनके लिए नंगी... शब्द का प्रयोग किया गया। यह उनके मान-सम्मान का खुला अपमान है। यह शब्दों के द्वारा चीरहरण का दुस्साहस है। जबकि माननीय सांसद भारतीय परधिान के पहनावों के साथ सभ्य एवं शालीनता के साथ सार्वजनिक जीवन व्यतीत करती हैं।
इस टिप्पणी के बाद भी कुछ मौलानाओं ने उक्त जेहादी का समर्थन व बचाव किया। इसके बावजूद पार्टी के अध्यक्ष एवं डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव के द्वारा इस जेहादी मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई गई। इससे पूरा देश हतप्रभ है। मैं लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ, जहां उपस्थित महिलाओं, छात्रों और बुद्धिजीवीओं के बीच इस विषय पर चर्चा हो रही थी।
लोगों का कहना था कि पति का धर्म पत्नी के सम्मान की रक्षा करना है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विवाह के समय अग्निदेव जी को साक्षी मानते हुए जो सात फेरे लेकर पत्नी की रक्षा का संकल्प लिया था। तो आज इस परिस्थिति में उन्हें अपनी धर्मपत्नी के सम्मान के लिए स्पष्ट व सख्त रुख अपनाते हुए मुकदमा दर्ज कराना चाहिए था, जो नहीं हुआ है। इससे लगता है कि उन्होंने विवाह नहीं निकाह किया है, जिसमें शादी कॉन्ट्रैक्ट के समान होती है।
वहां मौजूद लोगों का यह भी कहना था कि यदि वे अपनी पत्नी के मान-सम्मान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं तो प्रदेश की महिलाओं के सम्मान की रक्षा की उम्मीद उनसे कैसे की जा सकती है। लोगों ने कहा कि वे विपक्ष के नेता की भूमिका योग्य भी नहीं हैं। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि मुस्लिम नाम जुड़ते ही समाजवादी पार्टी मौन और दंडवत हो जाती है?
ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी की सरकार आती है और वे दुर्घटनावश मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो मुस्लिम जेहादी हिंदू महिलाओं के घर तक में घुस जाएंगे, उन्हें अपमानित करेंगे, लूट करेंगे और बलात्कार तक की घटनाओं पर अखिलेश यादव चुप रहेंगे। जैसे कि वो अपनी पत्नी के अपमान पर सिर्फ इसलिए चुप हैं कि आरोपी एक मुस्लिम है? वोट बैंक के लिए इस कदर गिर जाना समाजवादी पार्टी के इतिहास में आज तक नहीं हुआ है?
इससे पहले भी आपकी पार्टी के नेता एस.टी. हसन ने हिंदू महिलाओं पर घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैंने पत्र आपको इस आशय से लिखा है कि आप एक पुराने समाजवादी और क्षत्रिय परंपरा के अनुयायी हैं। महाभारत में जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ, तब यदुवंशी श्रीकृष्ण जी ने अन्याय के विरुद्ध नेतृत्व किया और दोषियों को दंडित किया। ऐसे में अखिलेश यादव जी और आपका इस विषय पर मौन रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऐसे में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी जी का धन्यवाद बनता है कि उन्होंने राजनीतिक विरोध से उपर उठकर माननीय सांसद के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। आज अपनी पत्नी तक के सम्मान की रक्षा सिर्फ इसलिए नहीं की जा रही है कि आरोपी मुस्लिम जेहादी है। ऐसे में माननीय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या जी द्वारा समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी कहना उचित ही है।
अतः आपसे अपेक्षा है कि इस पूरे प्रकरण में मौलाना साजिद रशीदी पर रासुका के तहत कार्रवाई के लिए आप पहल करेंगे और अपने भतीजे का मार्गदर्शन करेंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट करने की कृपा करें कि ऐसा क्या कारण है कि जो पूरे प्रदेश एवं देश में यह संदेश गया है कि अखिलेश यादव जी अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर सकते तो प्रदेश की बहू-बेटियों के सम्मान की रक्षा जेहादी तत्वों से कैसे करेंगे?
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