Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

गुरुग्राम में 4 नायब तहसीलदार और पटवारी समेत कई अफसरों पर FIR, क्या है मामला

  गुरुग्राम में हीरो होंडा चौक के पास डेढ़ एकड़ बेशकीमती जमीन को धोखाधड़ी से बेचने के आरोप में गुरुग्राम पुलिस ने चार नायब तहसीलदार, एक पटवा...

 


गुरुग्राम में हीरो होंडा चौक के पास डेढ़ एकड़ बेशकीमती जमीन को धोखाधड़ी से बेचने के आरोप में गुरुग्राम पुलिस ने चार नायब तहसीलदार, एक पटवारी, एचएसवीपी कर्मचारियों समेत कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि यह जमीन उद्योगपति रहे राकेश बत्रा ने कादीपुर तहसील स्टाफ से मिलीभगत करके बेची थी।

एचएसवीपी ने इस जमीन का अधिग्र्रहण सेक्टर-37 के औद्योगिक क्षेत्र के विकास और बादशाहपुर नाले को चौड़ा करने के लिए किया था। यह मामला तब संज्ञान में आया, जब रेवाड़ी निवासी प्रवीण राव ने पिछले साल मई माह में एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि साल 2022 में डीएलएफ निवासी राकेश बत्रा ने गुरुग्राम नगर निगम, कादीपुर तहसील और एचएसवीपी के अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ करके अधिग्रहित जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी काटकर उसे बेच डाला। बत्रा पर आरोप है कि उसने अपने स्वामित्व से अधिक भूमि को बेच दिया, जिसमें एचएसवीपी की अधिग्रहित जमीन भी शामिल थी।

एचएसवीपी ने साल 1988 में औद्योगिक सेक्टर-37 को विकसित करने के लिए गांव खांडसा, कादीपुर और नाहरपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण किया था। बत्रा की चार एकड़ में से तीन एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो गया था। उन्होंने साल 1990 में इस अधिग्रहण के खिलाफ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन साल 2001 में इसे खारिज कर दिया था। जमीन का कब्जा एचएसवीपी को सौंप दिया था। साल 2001 में राकेश बत्रा ने बची जमीन के सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग में आवेदन किया। साल 2004 में उन्होंने शांति इस्पात लिमिटेड के नाम 26771 वर्ग गज का सीएलयू हासिल कर लिया। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2001 के भूमि अधिग्रहण के बाद राकेश बत्रा के पास 22365 वर्ग गज जमीन बची थी।

एचएसवीपी के अधिकारियों को गुमराह करके 4406 वर्ग गज अधिग्रहित जमीन का सीएलयू भी ले लिया। साल 2009 में एचएसवीपी ने बादशाहपुर नाले को चौड़ा करने के लिए बत्रा की आधा एकड़ जमीन का फिर से अधिग्रहण किया था।

मिलीभगत कर 22 प्लॉट काटे गए

जांच में सामने आया कि राकेश बत्रा ने कादीपुर तहसील स्टाफ की मिलीभगत से पांच एकड़ जमीन पर 22 प्लॉट काटकर अलग-अलग लोगों को बेच डाला। सात अलग-अलग हिस्सों में 11759 वर्ग गज जमीन को अपने भाई पवन बत्रा और बेटे अमन बत्रा के नाम कर दिया। आरोप है कि राकेश बत्रा ने ज्यादातर प्लॉट एचएसवीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी रहे गुलशन कुमार के परिवार को बेचे हैं। गुलशन कुमार की पत्नी वंदना के नाम पर दो रजिस्ट्रियां हुईं। आरोप है कि बत्रा ने एचएसवीपी की 7712 वर्ग गज जमीन को बेचा है।

 

स्टांप ड्यूटी का भी नुकसान

इस मामले में सीएम विंडो के माध्यम से एक शिकायत हुई, लेकिन एचएसवीपी ने कार्रवाई नहीं की। रजिस्ट्री भी कम रेट पर की गई। इससे 1.64 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी का नुकसान हुआ है। इस मामले में सात नामजद राकेश बत्रा, नायब तहसीलदार सतीश कुमार, पारुष पहल, नेहा, अख्तर हुसैन, पटवारी सूरतमल, एचएसवीपी के अधिकारी रहे गुलशन कुमार के अलावा अन्य पर मामला दर्ज हुआ है।



कोई टिप्पणी नहीं