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जब पिता ने चोर बेटे को हथकड़ी लगवाई, बोला- मैंने कभी नहीं दिया जुर्म का साथ

 राजधानी दिल्ली से ई-रिक्शा चोरी कर जंगल में पुर्जे-पुर्जे कर अलग कर रहे बेटे को पिता ने खुद ही हथकड़ी लगवा दी। उसने आरोपी बेटे को परिजनों क...


 राजधानी दिल्ली से ई-रिक्शा चोरी कर जंगल में पुर्जे-पुर्जे कर अलग कर रहे बेटे को पिता ने खुद ही हथकड़ी लगवा दी। उसने आरोपी बेटे को परिजनों की मदद से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं ई-रिक्शा के पार्ट्स भी पुलिस को बरामद करा दिए। जुर्म के खिलाफ पिता के इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है।

पकड़कर पुलिस को दिया


शाहपुर कला निवासी 25 वर्षीय दीपचंद शनिवार दोपहर गांव से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर जंगल में एक ई-रिक्शा के पुर्जे-पुर्जे अलग कर रहा था। उसकी मंशा इन पुर्जों को बेचकर पैसा कमाने की थी। किसी ने बुजुर्ग महीलाल को सूचना दी कि तुम्हारा बेटा दीपचंद चोरी की ई-रिक्शा को काट रहा है। बुजुर्ग परिवार के कई अन्य लोगों को साथ लेकर मौके पर पहुंच गया और दीपचंद को रंगेहाथ पकड़ लिया। दीपचंद ने भागने का काफी प्रयास किया लेकिन, सफल नहीं हो सका। महीलाल परिजनों की मदद से दीपचंद को लेकर कोतवाली पहुंच गया। साथ में ई-रिक्शा के कटे हुए पार्ट्स भी वाहन में भरकर कोतवाली पहुंचा दिए। प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार शर्मा से कहा कि उसका बेटा चोर है और इसे कड़ी से कड़ी दी जाए। पुलिस ने दीपचंद से मालूमात की तो सामने आया कि उसने हाल में ई-रिक्शा दिल्ली के आनंद विहार से चोरी की थी। पुलिस टीम ने दीपचंद को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। रविवार को उसे अदालत में पेश किया गया।

 

क्या बोला पिता?


जहां तमाम लोग जुर्म करने वाले अपने परिजनों को सपोर्ट करते हैं और उनकी मदद करते हैं, वहीं बुजुर्ग महीलाल ने खुद अपने बेटे को गिरफ्तार कराकर जुर्म के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। बताया जा रहा है कि दीपचंद नशेड़ी है। वह दिल्ली आदि आता-जाता रहता है। प्रभारी निरीक्षक निदेश कुमार शर्मा ने बताया कि दीपचंद पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। अन्य थानों से भी उसका क्राइम रिकार्ड खंगाला जा रहा है। महीलाल के इस कदम की पुलिस से लेकर ग्रामीण तक तारीफ कर रहे हैं। महीलाल का कहना है कि उसने कभी अन्याय का साथ नहीं दिया। मेहनत-मजदूरी से जो मिला, उसी से पेट भर लिया। पूरे गांव में उसकी इज्जत है, जिसे बेटा खराब करने पर तुला हुआ है। वह अपनी साख पर बट्टा लगने देना नहीं चाहता।




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