दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होगा। पांच दिवसीय सत्र में निजी स्कूलों की फीस में होने वाली बढ़ोतरी से जुड़ा विधेयक लाए जाने...
दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होगा। पांच दिवसीय सत्र में निजी स्कूलों की फीस में होने वाली बढ़ोतरी से जुड़ा विधेयक लाए जाने की संभावना है। सत्र के दौरान सरकार का जोर अपने लगभग चार महीने के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने पर रहेगा, जबकि विपक्ष की ओर से झुग्गी झोपड़ियों को तोड़े जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाए जाने की संभावना है। दिल्ली कांग्रेस की ओर से पहले ही विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की जा चुकी है।
8 अगस्त तक चलेगा सत्र
विधानसभा का मानसून सत्र चार अगस्त से शुरू होकर आठ अगस्त तक चलेगा। पांच दिवसीय सत्र में कैग की दो रिपोर्ट रखे जाने की भी संभावना है। पिछली सरकार के कार्यकाल पर आने वाली इन कैग रिपोर्ट को लेकर पक्ष-विपक्ष में टकराव हो सकता है। जबकि, मानसून सत्र में मुख्यतौर पर निजी स्कूलों की फीस तय करने वाले विधेयक को रखे जाने के आसार हैं। इसमें फीस बढ़ोतरी करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। इसमें स्कूलों के फीस संशोधन प्रस्ताव के अधिकार को खत्म किया गया है। माना जा रहा है कि इस विधेयक को सदन में पेश करने के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के सदस्यों के बीच हंगामा हो सकता है। आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज नए विधेयक से अभिभावकों की जेब कटने का आरोप पहले ही लगा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि नए कानून में स्कूलों के ऑडिट का प्रावधान नहीं किया गया है।
कांग्रेस करेगी प्रदर्शन
दिल्ली में पिछले दिनों झुग्गी-झोपड़ियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का प्रभाव भी विधानसभा में देखने को मिल सकता है। विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने का प्रयास किया जा सकता है। जबकि, कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के बाहर सोमवार को प्रदर्शन करने की घोषणा की है। झुग्गी-झोपड़ी के साथ-साथ इस दौरान ध्वस्त कानून व्यवस्था, अनियंत्रित अपराध, बढ़ता नशे का कारोबार, महिलाओं को 2500 रुपये का वादा और बारिश के बाद होने वाले जलभराव को भी मुद्दा बनाया जाएगा।
पहली बार पेपरलेस होगी विधानसभा की कार्रवाई
दिल्ली विधानसभा का यह सत्र पहली बार पूरी तरह से पेपरलेस होगा। नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विधायकों को इसकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी भी जा चुकी है। नेवा के जरिए विधानसभा की कार्यवाही और दस्तावेजों तक डिजिटल माध्यम से विधायकों की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।
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