हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया जिसके तहत अब राज्य के दो कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति...
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया जिसके तहत अब राज्य के दो कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति राज्य सरकार की सहायता और सलाह के आधार पर कुलाधिपति द्वारा की जाएगी. सदन ने हिमाचल प्रदेश कृषि, बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 को इसके मूल रूप में पारित कर दिया है. इसके साथ ही 2024 में लाया गया संशोधन विधेयक जिसे हाल ही में राज्यपाल द्वारा कुछ सुझावों के साथ वापस भेजा गया था अब औपचारिक रूप से वापस ले लिया गया है.
2023 में एक विधेयक पारित किया गया था जिसके तहत कुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार की सहायता और सलाह से कुलाधिपति करेंगे. यह विधेयक सितंबर 2023 में सदन द्वारा पारित करने के बाद राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था, लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक पर आपत्तियां जताते हुए उसे वापस कर दिया. इसी के जवाब में 4 सितंबर 2024 को एक संशोधित विधेयक पारित किया गया. जिसको 19 अक्टूबर 2024 को फिर राज्यपाल के पास भेजा गया. इस पर राज्यपाल ने साफ किया कि मूल 2023 संशोधन विधेयक को भारत के राष्ट्रपति के विचारार्थ केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए 24 जुलाई 2024 को सुरक्षित रखा गया है.
संशोधन विधेयक 2024 वापस लेने का फैसला
राज्य सरकार ने संकेत दिया था कि जब तक केंद्र सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती तब तक 2024 के संशोधन विधेयक पर कोई भी आखिरी निर्णय लेना सही नहीं होगा. इसी संदर्भ में राज्य मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई 2025 को विधेयक को वापस लेने का निर्णय लिया. हालांकि राज्यपाल ने संशोधन विधेयक 2024 को कुछ सुझावों के साथ सरकार को लौटाया था फिर भी सरकार ने इसे पूरी तरह से वापस ले लिया.
कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव
मूल 1986 अधिनियम के अनुसार कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति की तरफ से एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती थी. इस चयन समिति में कुलाधिपति द्वारा नामित एक व्यक्ति, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के डायरेक्टर जनरल, और यूजीसी के अध्यक्ष या उनके द्वारा नामित व्यक्ति शामिल होते थे. 2023 में अधिनियम में संशोधन किया गया जिसके तहत अब कुलपति की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी लेकिन यह नियुक्ति राज्य सरकार की सहायता और सलाह के अनुसार की जाएगी.
कृषि मंत्री का प्रस्ताव अस्वीकार
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने धारा 4(1) में संशोधन करने और मॉडल आईसीएआर अधिनियम के अनुरूप एक नई धारा 4(3) शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के जरिए वो राज्यपाल की भूमिका को सशक्त बनाना चाहते थे. विपक्षी दलों की गैरमौजूदगी के चलते यह प्रस्ताव सदन में पारित नहीं हो सका. जिसके चलते 2023 का संशोधन विधेयक बिना किसी बदलाव के अपने मूल रूप में ही स्वीकार कर लिया गया.
कुलपति नियुक्ति पर सरकार और राज्यपाल में टकराव
CSK एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पालमपुर और डॉ. वाईएस परमार हॉर्टीकल्चर और वानिकी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. 21 जुलाई को राजभवन द्वारा इन दोनों यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन जारी किया गया था. लेकिन 12 अगस्त को राज्य सरकार ने विज्ञापन को रद्द कर दिया और इसके अंतर्गत की गई किसी भी प्रक्रिया को अमान्य करार दे दिया. वहीं 13 अगस्त को राजभवन ने आदेश जारी करते हुए 21 जुलाई के विज्ञापन को दोबारा घोषित कर दिया. इसके साथ ही कुलपति की पोस्ट के लिए अप्पलाई की आखिरी तारीख बढ़ाकर 18 अगस्त को शाम 5 बजे तक कर दी गई.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
एक नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया गया है कि हिमाचल प्रदेश कृषि, हॉर्टीकल्चर और वानिकी यूनिवर्सिटी अधिनियम, 1986 की धारा 24 के अंतर्गत कुलाधिपति को वैधानिक अधिकार प्राप्त हैं और वो ही यूनिवर्सिटीज में कुलपतियों की नियुक्ति शुरु करने के लिए अधिकृत प्राधिकारी हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को राजभवन द्वारा जारी किए गए विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
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