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शराब पार्टी में गाली देने से नाराज था, इसलिए भतीजे ने चाचा को मार डाला; बेड में छिपाया शव

 गाजियाबाद के नगर कोतवाली क्षेत्र में 10 अगस्त को सेनेट्रीकर्मी राकेश की हत्या रिश्ते के भतीजे ने की थी। पुलिस ने शुक्रवार को हत्याकांड का ख...


 गाजियाबाद के नगर कोतवाली क्षेत्र में 10 अगस्त को सेनेट्रीकर्मी राकेश की हत्या रिश्ते के भतीजे ने की थी। पुलिस ने शुक्रवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि शराब पार्टी में गाली देने से नाराज होकर उसने घटना को अंजाम दिया था।


पुलिस ने खोला हत्या का राज


एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि मूलरूप से ग्राम संभावा पुरे इंदई थाना गौरीगंज जनपद अमेठी निवासी राकेश दिल्लीगेट स्थित देवी मंदिर में बने कमरों में से एक में किराए पर रहता था। राकेश डीलक्स हार्डवेयर दुकान पर काम करता था। जबकि रिश्ते में भतीजा लगने वाला उसके ही गांव का ही आरोपी उमेश उर्फ अर्जुन भी कुछ दूरी पर किराए पर रहता है। अर्जुन भी बिजली के केबिल विक्रेता की शॉप पर काम करता है। एसीपी ने बताया कि 10 अगस्त को राकेश का शव अर्जुन के कमरे के पीछे खाली पड़े प्लॉट में कूड़े के ढेर पर पड़ा मिला था।

एसीपी कोतवाली के मुताबिक, राकेश के सिर में चोट के निशान थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी हत्या होने की पुष्टि हुई थी। शिनाख्त के बाद परिजनों द्वारा नगर कोतवाली में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। केस दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपी को ट्रेस करने के प्रयास में जुटी थी। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी उमेश उर्फ अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है।


बेड में शव छिपाया फिर चादर में लपेटकर फेंका


एसीपी ने बताया कि राकेश की हत्या करने के बाद अर्जुन ने उसके शव को कंबल में लपेटकर बराबर वाले कमरे में पड़े दीवान बेड में छिपा दिया था। इस दौरान राकेश के भाई राजेश और महेश उसे ढूंढ़ते हुए अर्जुन के कमरे पर पहुंचे तो उसने कह दिया कि राकेश उसके पास से करीब दो घंटे पहले अज्ञात व्यक्ति के साथ चला गया था। पुलिस के मुताबिक रात के वक्त आरोपी शव को बेड से निकाल कर छत पर ले गया और पीछे खाली पड़े प्लॉट में जमा कूड़े के ढेर पर फेंक कर सो गया।


‘मना करने पर गाली दे रहा था, इसलिए मार डाला’


पूछताछ में उमेश उर्फ अर्जुन ने बताया कि दस अगस्त को वह और उसका चाचा राकेश एक साथ बैठकर अर्जुन के कमरे पर शराब पी रहे थे। नशा होने के बाद राकेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी। मना करने के बावजूद राकेश नहीं माना तो अर्जुन ने उसका सिर पकड़कर दीवार में दे मारा, जिससे राकेश अचेत होकर गिर पड़ा। बाद में पकड़े जाने के डर से अर्जुन ने पास पड़ी ईंट उठाकर उसके सिर पर कई प्रहार किए, जिससे राकेश की मौत हो गई।

 

हत्या के बाद मोबाइल बंद कर धार्मिक स्थलों पर घूमता रहा


घटना के बाद से अर्जुन का नाम प्रकाश में आ गया था। अर्जुन की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन हुआ था। मोबाइल बंद होने से पकड़ने मुश्किल हो रही थी। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने बताया कि वह हरिद्वार, ऋषिकेश, फरीदाबाद, ललितपुर और मथुरा में रहा। यहां भीख मांगकर और मजदूरी कर खर्च चलाया। एसीपी ने बताया कि आरोपी राहगीरों का मोबाइल लेकर पत्नी को फोन करता था। परिजनों ने उसे सरेंडर करने की सलाह दी थी। इस पर शुक्रवार को वह कोर्ट में सरेंडर करने आया था, लेकिन उसके पास वकील की फीस के पैसे नहीं थे और पुलिस को उसके सरेंडर करने की भनक लग गई थी। पुलिस ने कोर्ट परिसर के आसपास घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।




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