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उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच रेस्क्यू, सरकार ने वायुसेना से मांगी मदद, बद्रीनाथ NH बाधित, CM पहुंचे उत्तरकाशी

  उत्तराखंड में आज बुधवार को कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेंड अलर्ट जारी किया गया है. एहतियातन 9 जिलों के स्कूलों में छुट्टी कर ...

 


उत्तराखंड में आज बुधवार को कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेंड अलर्ट जारी किया गया है. एहतियातन 9 जिलों के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. आज सुबह से बागेश्वर, कोटद्वार समेत कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. इस बीच उत्तरकाशी में धराली गांव में कल बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आयी विनाशकारी बाढ़ से भारी तबाही मची है. शासन-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.


धराली में कल दिन में बादल फटने से गांव जमींदोज हो गए. महज 34 सेकेंड में सैकड़ों घर-होटल मलबे में दब गए और पानी में बह गए. हादसे में 4 की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा लापता बताए जा रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. SDRF, NDRF, ITBP और सेना की टीमें बचाव और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. अब तक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कराया जा चुका है. शासन ने राहत और बचाव कार्य तथा मरम्मत के लिए 20 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं.


सीएम पुष्कर सिंह धामी हालात का जायजा लेने के लिए उत्तरकाशी के जोशीयाड़ा पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि मदद के लिए सेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं. स्थानीय लोग भी रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं. खुद पीएम मोदी भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.


वायुसेना से मांगा गई मदद


विनाशकारी बाढ़ से तबाह हुए धराली में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है, लेकिन हालात को देखते हुए राज्य की धामी सरकार ने वायुसेना से भी मदद मांगी है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से वायुसेना से दो एमआई हेलीकाप्टर और एक चिनूक हेलीकाप्टर की मांग की गई है.


लगातार बारिश से NH 309 बाधित


प्रशासन ने धराली में आपदा के बाद तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को अस्थायी तौर पर रोक दिया है. साथ ही नैनीताल और देहरादून के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है.


लगातार बारिश के चलते नेशनल हाईवे (NH) 309 बंद हो गया. धनगढ़ी बरासाती नाला उफान पर आ गया है. NH 309 रामनगर से पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों को जोड़ता है.


शवों की तलाश के लिए खोजी कुत्ते


वहीं ऋषिकेश में गंगा नदी वार्निंग लेवल से ऊपर बह रही हैं. राममगर में कल रात से ही लगातार बारिश हो रही है. ऋषिकेश में गंगा का वॉटर लेबल काफी बढ़ गया है. लोगों को गंगा से दूर रहने की अपील की गई है.


उत्तरकाशी में मलबे और कीचड़ में दबे शवों को तलाशने के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया जा रहा है.


2 IG की अगुवाई में पुलिस टीम तैनात


राज्य के पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने बताया कि उत्तरकाशी आपदा राहत कार्य हेतु वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विशेष पुलिस बलों की त्वरित तैनाती की जा रही है. इसमें 2 आईजी, 3 एसपी, एक कमांडेंट, 11 डिप्टी एसपी सहित 300 पुलिसकर्मियों को रवाना कर दिया गया है.


धराली के अलावा हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटना हुई. हर्षिल इलाके में बादल फटने से सेना के कई जवानों के लापता होने की खबर है. बारिश और बाढ़ की वजह से सेना के बेस कैंप पर भी असर पड़ा है. लेफ्टिनेंट कर्नल (पीआरओ) मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ में 11 जवानों के लापता होने की आशंका है. क्षेत्र में तेज बारिश और कनेक्टिविटी टूटने की वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है, हालांकि सेना मुस्तैदी से अपने ऑपरेशन में जुटी है.


सेना के 150 जवान भी रेस्क्यू में जुटे


लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक धराली आपदा के बाद 14 राजरिफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन खुद राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं. उनकी टीम के 150 जवान इस कठिन मुहिम में डटे हुए हैं. हालांकि यूनिट का बेस भी प्रभावित हुआ है और 11 जवान लापता हैं. फिर भी टीम पूरे हौसले और संकल्प के साथ काम कर रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 20 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है.


बागेश्वर-कोटद्वार समेत कई क्षेत्रों में बारिश


राहत और बचाव अभियान के बीच उत्तराखंड के बागेश्वर और कोटद्वार समेत कई इलाकों में भारी बारिश जारी है. उत्तराखंड में आज भारी बारिश के रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट के बीच राज्य के 9 जिलों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है.


राजधानी देहरादून के अलावा नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में आज स्कूलों की छुट्टी रहेगी. आदेश के मुताबिक, कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी छुट्टी का ऐलान किया गया है.


फोन-इंटरनेट को पहुंचा नुकसानः CM धामी


विनाशकारी आपदा को लेकर CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि आपदा प्रभावित इलाके में फोन, इंटरनेट और टावरों को खासा नुकसान पहुंचा है. इस बीच PAC और IRB की स्पेशल डिजास्टर रिलीफ यूनिट की तैनाती की गई है. उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए 40वीं बटालियन पीएसी की विशेष आपदा राहत इकाई (E कंपनी) और देहरादून की आईआरबी-II, की C कंपनी, कुल 140 कर्मियों के साथ भेजी गई है.


इनके अलावा देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी से 160 पुलिसकर्मी और आवश्यक उपकरण के साथ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं.


अलर्ट मोड पर राज्य के अस्पताल


आपदा को देखते हुए उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के जिला अस्पतालों के साथ ही दून मेडिकल कालेज तथा ऋषिकेश के AIIMS में बेड रिजर्व किए गए हैं. हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और डॉक्टरों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है.


इसके अलावा प्रशासन सभी भूस्खलन जोन पर 24 घंटे मशीनें तैनात कर रहा है. लेकिन वहां पर मशीनों की ओर से लगातार देरी होने के कारण जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को मार्ग बंद होने की परेशानी झेलनी पड़ रही है.


दूसरी ओर, उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पर अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध सड़कों को जेसीबी की मदद से साफ किया जा रहा है.


क्यों आई विनाशकारी आपदा


गंगोत्री हाईवे पर पापड़गाड़ के पास करीब 30 मीटर सड़क धंस गई, जिससे हर्षिल और धराली क्षेत्र का जिले और तहसील मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया.


कहा जा रहा है कि भूमध्य सागर से उठे विक्षोभ की वजह से उत्तरकाशी में बारिश ने विकराल रूप धारण किया. उत्तरकाशी में आई आपदा का पैटर्न साल 2013 में केदारनाथ में आई विनाशकारी जल प्रलय की तरह ही था. दोनों घटनाओं की वजह भूमध्य सागर से उठने वाले पश्चिमी विक्षोभ का हिमालय से टकराना रहा है.




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