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बंदूक दिखाकर हटाया या...; जगदीप धनखड़ पर क्या-क्या बोल गए राजस्थान के सांसद

 उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया? इसको लेकर अब भी अटकलों का दौर जारी है। खुद जगदीप धनखड़ ने इस फैसले के पीछे स्वास्थ्य ...


 उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया? इसको लेकर अब भी अटकलों का दौर जारी है। खुद जगदीप धनखड़ ने इस फैसले के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था लेकिन कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल दूसरी वजहें तलाशने में जुटे हैं। इस बीच नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने जगदीप धनखड़ से सवाल करते हुए उनपर कई विवादित टिप्पणी की। साथ ही यह भी कहा कि जगदीप धनखड़ एक महीने के अंदर बता दें कि उन्हें डराकर हटाया गया तो वह दिल्ली को घेर लेंगे और सरकार की घिग्घी बांध देंगे। उनके भाषण का यह हिस्सा अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जोधपुर जिले के सालवा कलां में गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से इस बात का खुलासा करने की अपील की कि उन्होंने पद क्यों छोड़ा। सांसद बेनीवाल ने कहा कि उन्हें एक महीने के भीतर बताना चाहिए। बेनीवाल ने धनखड़ पर कई विवादित टिप्पणी की और उन्हें 'मरा हुआ' तक कह डाला।

बेनीवाल ने कहा, 'मैंने जगदीप धनखड़ को वोट दिया। समाज के नाते। मैं साथ नहीं था बीजेपी का। उन्होंने कहा था कि मैं राजस्थान से हूं, आपके समाज का हूं। लेकिन तीन साल तक (एक महिला नेता का नाम लेकर) को लेकर हेलीकॉप्टर में घूमते रहे।' उन्होंने कहा कि धनखड़ को हटाने से उन्हें चिंता हुई, लेकिन एक महीने के भीतर उन्हें बताना चाहिए कि क्या डराकर हटाया गया। उन्होंने कहा, ‘धनखड़ साहब एक महीने के अंदर बता दो कैसे हटाया आपको, डराकर हटाया, बंदूक की नोक पर हटाया, या कमरे में डराया, या आपके कोई फोटो खींचे।’

 

नागौर के सांसद ने छह महीने बाद उनके हॉस्पिटल में होने की बात भी कही। उन्होंने कहा, ‘छह महीने बाद अगर आप कहोगे, हॉस्पिटल के अंदर जाकर कि मुझे तो हटाया... तो आपको बनाया भी था। एक महीने का समय दिया, यदि एक महीने के भीतर जगदीप धनखड़ बताएं कि डराकर हराया तो हम दिल्ली को घेर लेंगे और दिल्ली की सरकार की घिग्घी बांध देंगे देश के अंदर।’

 

आरएलपी नेता ने पूर्व उपराष्ट्रपति को मरा हुआ आदमी भी कह डाला। उन्होंने कहा, 'लेकिन बताने वाला दम तो चाहिए अगले के अंदर। हम मरे हुए लोगों की कब तक करते रहेंगे। हम कई जगह बॉडी लेकर आंदोलन करते हैं और परिवार के लोग पीछे से पोस्टमॉर्टम कराके समझौता करके निकल जाते हैं। जिसका जमीर जिंदा है हम उसके साथ हैं।'




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