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मैं सालों से गाजियाबाद से यहां आ रहा हूं लेकिन कल…; दिल्ली के पत्ते शाह दरगाह हादसे पर क्या बोले लोग

 दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित हुमायूं के मकबरे के पास शुक्रवार को एक दरगाह में हुए हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। स्थानी...


 दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित हुमायूं के मकबरे के पास शुक्रवार को एक दरगाह में हुए हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह हादसा कुछ समय पहले होता तो और भी कई लोगों की जान जा सकती थी। क्योंकि कुछ समय पहले जुमे की नमाज पढ़ने के लिए वहां काफी लोग जमा थे।


पत्ते शाह दरगाह में यह घटना दोपहर लगभग 3:30 बजे हुई। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यह दोपहर की नमाज के आसपास हुई होती तो मृतकों की संख्या ज्यादा होती। जुमे की नमाज के लिए इलाके में भारी भीड़ जमा होती है। प्रसिद्ध पत्ते वाली दरगाह शरीफ में शहर के ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से लोग आते हैं।

हुमायूं के मकबरे के बाहर भेलपूरी बेचने वाले राकेश ने पीटीआई को बताया कि अगर यह हादसा नमाज के समय हुआ होता तो यह और भी बड़ी त्रासदी होती। यह दरगाह हुमायूं के मकबरे की पिछली गली में न्यू होराइजन स्कूल के बगल में सुंदर नर्सरी जाने वाले रास्ते पर स्थित है।


सुंदर नर्सरी में ड्यूटी पर तैनात एक गार्ड हिमांशु तिवारी ने कहा, "हमें तब तक पता नहीं चला कि क्या हुआ जब तक हमने एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों को अंदर आते नहीं देखा। बाहर से आ रहे लोगों ने हमें बताया कि एक छत गिर गई है। उसके नीचे कुछ लोग बारिश से बचने के लिए शरण लिए हुए थे।


दरगाह की चारदीवारी 16वीं सदी के हुमायूं के मकबरे से मिलती है, जिसका निर्माण मुगल बादशाह हुमायूं की पहली पत्नी बेगा बेगम ने 1558 में करवाया था। मकबरे की रखवाली करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि दरगाह शायद मकबरे से भी पुरानी है। उन्होंने बताया कि मुझे बस इतना पता है कि यह दरगाह सदियों पुरानी है, मकबरे से भी पुरानी। लोग यहां आम दिनों में भी नमाज अदा करने आते हैं। शुक्रवार को श्रद्धालुओं की संख्या कहीं ज्यादा होती है।

 

हर हफ्ते दरगाह के पास से गुजरने वाले एक स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई को बताया, "मैं सालों से गाजियाबाद से यहां आ रहा हूं। दरगाह को लेकर मेरी आस्था बहुत मजबूत है। मेरा परिवार हर दूसरे हफ्ते यहां आता है। कल मैं किसी जरूरी काम में फंस गया था, इसलिए नहीं आ सका। आज जब मैं आया और मुझे पता चला कि हादसे के कारण दरगाह बंद है तो मैं हिल गया। हादसे के बाद अधिकारियों ने ढहे हुए हिस्से को सील कर दिया है और जांच जारी है।




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