गुरुग्राम के पालम विहार, सेक्टर 22ए में रहने वाले एक व्यक्ति को फर्जी IAS अधिकारी बनकर ठगी करने के आरोप में पालम विहार थाना पुलिस ने गिरफ्...
गुरुग्राम के पालम विहार, सेक्टर 22ए में रहने वाले एक व्यक्ति को फर्जी IAS अधिकारी बनकर ठगी करने के आरोप में पालम विहार थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी खुद को IAS बताकर लोगों पर रौब झाड़ता था और नौकरी दिलाने, कर्मचारियों के ट्रांसफर के नाम पर धोखाधड़ी करता था। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे पूछताछ चल रही है।
सोमवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा
दरअसल, गुरुग्राम पुलिस के पास एक शिकायत पहुंचीं थी कि एक युवक अपने आपको आईएएस अधिकारी बताता है। लोगों से नौकरी लगवाने, अधिकारी और कर्मचारी को ट्रांसफर करवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम देता है। शिकायत मिलने के बाद थाना पालम विहार के निरीक्षक बिजेंद्र सिंह ने पुलिस टीम के साथ पालम विहार में छापा मारा। यह युवक मकान की दूसरी मंजिल के बरामदे में खड़ा था। पुलिस को देखकर यह युवक छत की तरफ भागने लगा। पुलिस ने पीछा करके इस युवक को धर दबोचा। युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़ के गांव रघुईपुर निवासी जयप्रकाश पाठक के रूप में हुई।
31 साल का यह युवक है 12वीं पास
आरोपी पालम विहार में एक किराये के मकान में रहता था। आरोपी के पास एक कार है, जिसमें आगे और पीछे भारत सरकार लिखा हुआ है। इस कार को पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने गृह मंत्रालय का एक आईडी कार्ड पकड़ा है, जो फर्जी है। आठ अगस्त को इस आरोपी को पुलिस ने पकड़कर 9 अगस्त को अदालत में पेश किया। अदालत से इसे दो दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपी के खिलाफ थाना पालम विहार में मामला दर्ज हुआ है।
अतिरिक्त निरीक्षक के स्थानांतरण का पत्र मिला
पुलिस जब इस आरोपी के घर पर पहुंचीं तो उसकी मेज पर दो आईडी कार्ड रखे हुए थे। एक आईडी कार्ड की डोरी पर गृह मंत्रालय लिखा हुआ था। कमरे में एक पत्र लिखा, जो अतिरिक्त निरीक्षक का था। इसमें तबादले की गुहार लगाई हुई थी। पुलिस ने मौके से एक फर्जी शस्त्र लाइसेंस, 6 मोबाइल, एक लेपटॉप, एक वॉकी टॉकी सेट, एक आयुष्मान कार्ड, तीन आधार कार्ड, एक एटीएम, एक पैन कार्ड, एक पासपोर्ट, लाल और नीली बत्ती के अलावा ढाई लाख रुपये भी बरामद की।
उत्तर प्रदेश में दर्ज है एक मामला
पुलिस ने जांच में पाया कि इस फर्जी आईएएस के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक मामला दर्ज है। यह किसी बड़े अधिकारी का खास बनकर लोगों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। पुलिस रिमांड में पता चला कि यह आरोपी अपने आपको गृह मंत्रालय में कार्यरत बताता था। लोगों से नौकरी लगवाने, कर्मचारियों की ट्रांसफर करवाने और आईएएस का रौब दिखाते हुए लोगों से रुपये ऐंठता था।
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