सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने एक पूर्व सांसद मो...
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने एक पूर्व सांसद मोहन डेलकर आत्महत्या मामले में केंद्र-शासित प्रदेश के प्रशासक सहित नौ लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी थी। यह प्राथमिकी दादरा एवं नगर हवेली से सात बार सांसद रह चुके डेलकर की मौत के बाद दर्ज की गई थी, जो 2021 में मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे। डेलकर के कथित सुसाइड नोट में उत्पीड़न और धमकी का विस्तृत विवरण दिया गया था, जिसके कारण पुलिस ने शीर्ष नौकरशाहों और राजनीतिक हस्तियों सहित कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने दिवंगत सांसद के बेटे अभिनव डेलकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा, राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और कुछ आरोपियों के वकील महेश जेठमलानी की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने पक्षकारों के वकीलों से 8 अगस्त तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा।
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