राजस्थान के डीडवाना जिले में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में शुक्रवार का दिन अचानक राजनीतिक रंगमंच बन गया। मंच पर मौजूद डिप्टी मुख्यमंत्री द...
राजस्थान के डीडवाना जिले में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में शुक्रवार का दिन अचानक राजनीतिक रंगमंच बन गया। मंच पर मौजूद डिप्टी मुख्यमंत्री दीया कुमारी अपने भाषण में जुटी ही थीं कि माहौल में एक अलग ही ‘तड़का’ लग गया। वजह थी शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी का आगमन।
जैसे ही भाटी मंच पर पहुंचे, उनके समर्थकों का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया। नारेबाजी शुरू हुई तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। “भाटी साहब जिंदाबाद” के नारे पूरे पंडाल में गूंजने लगे। इस शोर-शराबे के बीच दीया कुमारी को अपना संबोधन बीच में रोकना पड़ा।
मंच पर माहौल ऐसा था कि लगता था जैसे कोई चुनावी रैली अचानक कार्यक्रम में घुस आई हो। दीया कुमारी ने हालांकि मुस्कुराकर स्थिति संभालने की कोशिश की। उन्होंने रविंद्र सिंह भाटी की प्रशंसा भी कर दी, लेकिन समर्थकों की गूंजती आवाजें बार-बार उनकी बात को बीच में काट रही थीं।
कुछ पल के लिए ऐसा भी लगा कि भाषण अब आगे नहीं बढ़ पाएगा। लेकिन तभी डिप्टी सीएम ने अपने अंदाज़ में मोर्चा संभाला। हल्की मुस्कान और नपी-तुली चुटकी के साथ उन्होंने समर्थकों से कहा – “आप शांति से मेरी बात सुनने दीजिए। आपको और रविंद्र सिंह जी को सड़कें तो मुझे ही बनानी होंगी।”
भीड़ के जोश पर लगाम लगाने के लिए दीया कुमारी ने अगला ‘पंच’ मारा – “मैं कुछ घोषणाएं करने वाली हूं, अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो यहीं से नमस्ते कर आगे बढ़ जाऊंगी।” उनके इस हाजिर जवाब पर कुछ पल के लिए पंडाल में ठहाके भी गूंजे, और समर्थकों की आवाज थोड़ी धीमी पड़ गई।
डिप्टी सीएम का यह दो टूक अंदाज़ जैसे भीड़ पर असर कर गया। नारेबाजी के बीच वह अपने शब्दों से एक तरह का ‘साइलेंस मोड’ ऑन कराने में कामयाब रहीं। माहौल में थोड़ी शांति लौटी तो उन्होंने आगे कहा कि विकास कार्यों को लेकर वह यहां कई अहम घोषणाएं करने आई हैं, लेकिन पहले उन्हें अपनी बात पूरी करने दी जाए।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने यह देखा कि किस तरह दीया कुमारी ने बिना नाराज़गी दिखाए, हल्के-फुल्के अंदाज़ में स्थिति को काबू में कर लिया। जहां एक तरफ उनके बयान ने समर्थकों को यह याद दिला दिया कि सड़क, विकास और घोषणाएं उनके ही हाथ में हैं, वहीं दूसरी तरफ “यहीं से नमस्ते” वाला वाक्य पूरे कार्यक्रम का ‘हाइलाइट’ बन गया।
गौरतलब है कि डीडवाना का यह मंच किसी एक दल या नेता का नहीं, बल्कि जनता के लिए था, लेकिन राजनीतिक रंग और व्यक्तिगत लोकप्रियता के टकराव ने इसे थोड़ी देर के लिए रोचक मंजर बना दिया। भाटी समर्थकों की गूंज और डिप्टी सीएम की संयमित प्रतिक्रिया ने यह दिखा दिया कि राजस्थान की राजनीति में शब्दों के तीर कभी-कभी नारों की दीवार भी चीर सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि दीया कुमारी ने न तो मंच छोड़ने की जल्दबाज़ी दिखाई, न ही नारेबाजी से चिढ़ने का संकेत दिया। बल्कि उन्होंने अपने ‘हाजिर जवाब’ से भीड़ को यह एहसास दिलाया कि सरकारी घोषणाएं और विकास कार्य सुनना भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि अपने पसंदीदा नेता के नारे लगाना।
जब माहौल थोड़ा शांत हुआ तो कार्यक्रम तय समय पर आगे बढ़ा और मंच से घोषणाएं भी हुईं। लेकिन वहां मौजूद लोगों की बातचीत में सबसे ज्यादा चर्चा रही उस लम्हे की, जब डिप्टी सीएम ने मुस्कुराते हुए कहा – “यहीं से नमस्ते कर दूंगी।” यह चुटकी न केवल मंच की गरमी को ठंडी कर गई, बल्कि लोगों के चेहरों पर भी मुस्कान छोड़ गई।
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