Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

5000 स्टार्टअप खड़े करने में मदद करेगी दिल्ली सरकार, जानिए ड्राफ्ट पॉलिसी में क्या-क्या?

 मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाने की दिशा में कदम उठा रही है. इसके लिए एक इ...



 मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाने की दिशा में कदम उठा रही है. इसके लिए एक इंसेंटिव-बेस्ड स्टार्टअप पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर रही है. कहा गया है कि यह पॉलिसी 5,000 स्टार्टअप स्थापित करने में मदद करेगी. साथ ही साथ 2035 तक दिल्ली को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाया जाएगा. इस पॉलिसी के तहत दिल्ली स्टार्टअप वेंचर कैपिटल फंड के लिए 200 करोड़ का कोष बनाया जाएगा, जिसके जरिए सरकार इन बिजनेसस को फाइनेंशियल मदद पहुंचाने का काम करेगा.


दिल्ली सरकार इस पॉलिसी को 10 सालों को टारगेट कर बना रही है, जिसमें 18 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा. इनमें हेल्थकेयर सर्विस, हॉस्पिटैलिटी, फिनटेक, ऑटोमोटिव एंटरप्राइजेज, ई-वेस्ट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चैन मैनेजमेंट, गेमिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स शामिल हैं.

 

डॉफ्ट में क्या-क्या किया गया शामिल?


डॉफ्ट पॉलिसी के मुताबिक, ड्राफ्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS), बायोटेक्नोलॉजी, ऑगमेंटेड रियलिटी, ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहन अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. ड्राफ्ट में लिखा गया है, ‘दिल्ली देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है. सरकारी संस्थानों से निकटता, व्यापार-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर की उपस्थिति और एक उभरती हुई एंटरप्रेन्योरशिप संस्कृति शहर को एक आईटी हब बनाती है. दिल्ली में आईटी और आईटीईएस सेक्टर एक तेजी से डेवलपिंग इंडस्ट्री के रूप में उभरा है. इस पॉलिसी के प्रमुख सेक्टोरल एरिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी और आईटी/टीईएस से संबंधित सरकार की प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करते हैं और राज्य की क्षमताओं के अनुरूप हैं.’


इसमें कहा गया है कि स्टार्टअप मॉनिटरिंग कमेटी की मंजूरी के बाद बाजार की मांग और लीडिंग टेक्नोलॉजी तकनीकों के अनुसार अन्य प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है और उन्हें शामिल किया जा सकता है. ड्राफ्ट पॉलिसी में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कई फिजिकल इंटेंसिव का भी प्रस्ताव है, जिसमें अधिकतम तीन सालों की अवधि के लिए प्रति साल 10 लाख तक के वर्कप्लेस पट्टे के किराए की 100 प्रतिशत रिम्बर्समेंट शामिल है.


पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और इंडस्ट्रियल डिजाइन दाखिल करने के लिए भारतीय पेटेंट पर 1 लाख रुपए और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर 3 लाख तक की 100 प्रतिशत रिम्बर्समेंट की भी सिफारिश की गई है.


कैसे कर सकते हैं अप्लाई?


ड्राफ्ट पॉलिसी में सुझाए गए अन्य इंसेंटिव में घरेलू (₹5 लाख) और अंतरराष्ट्रीय (₹10 लाख) प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए प्रदर्शनी स्टॉल या किराए की लागत की 100 प्रतिशत रिम्बर्समेंट और ऑपरेशनल लागत के लिए एक साल की अवधि के लिए 2 लाख मासिक भत्ता शामिल है. पात्र आवेदक पॉलिसी के तहत इंसेंटिव्स को लेकर विचार करने के लिए प्रासंगिक सहायक दस्तावेजों के साथ दिल्ली सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए से आवेदन कर सकते हैं. नोडल एजेंसी प्राप्त आवेदनों की जांच करेगी और पात्र आवेदनों को एक स्टार्टअप टास्क फोर्स को फॉरवर्ड करेगी ताकि लाभ वितरण के लिए आवेदकों को अंतिम रूप दिया जा सके. आवेदकों को एक स्टार्टअप पोर्टल के जरिए से निर्णय की सूचना दी जाएगी.


इसमें आगे कहा गया है कि दिल्ली सरकार शहर के एंटरप्रेन्योरल इकोसिस्टम को पोषित करने के लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं और सपोर्ट सिस्टम्स प्रदान करेगी.




कोई टिप्पणी नहीं